झारखंड में कुत्तों की खतरनाक नस्लों पर सख्त प्रतिबंध, पालने के लिए अनुमति अनिवार्य
झारखंड सरकार ने पालतू कुत्तों की खतरनाक नस्लों पर सख्त कदम उठाते हुए पिटबुल, रॉटवाइलर, और डोगो अर्जेंटीनो जैसी नस्लों के पालन, प्रजनन, और खरीद-बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। इस नए दिशानिर्देश के तहत इन नस्लों के कुत्तों को पालने के लिए संबंधित प्राधिकरण से पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य कर दिया गया है। यह फैसला हाल के वर्षों में कुत्तों के हमलों की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए लिया गया है, जो सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा बन रही थीं।
झारखंड सरकार ने केंद्र सरकार के पशुपालन और डेयरी विभाग के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए यह कदम उठाया है। केंद्र ने मार्च 2024 में राज्यों को पिटबुल टेरियर, अमेरिकन बुलडॉग, रॉटवाइलर, मास्टिफ्स सहित 23 खतरनाक नस्लों के आयात, बिक्री, और प्रजनन पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया था। झारखंड में लागू इस नीति के अनुसार, इन नस्लों के कुत्तों को पालने के लिए स्थानीय प्राधिकरण से लाइसेंस लेना होगा। बिना अनुमति के इन कुत्तों को पालने या सार्वजनिक स्थानों पर लापरवाही से घुमाने पर जुर्माना और कानूनी कार्रवाई हो सकती है। उल्लंघन करने वालों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता, 2023 और पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 के तहत कार्रवाई की जाएगी। वहीं पहले से पाले जा रहे कुत्तों की नसबंदी अनिवार्य होगी ताकि उनका आगे प्रजनन रोका जा सके।
पिछले कुछ वर्षों में पिटबुल और रॉटवाइलर जैसी नस्लों के कुत्तों द्वारा हमले की घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें कई मामलों में गंभीर चोटें और मौतें भी हुई हैं। उदाहरण के लिए, लखनऊ में एक पिटबुल ने एक बुजुर्ग महिला पर हमला कर उसकी जान ले ली थी। ऐसी घटनाओं ने सरकार को सख्त कदम उठाने के लिए मजबूर किया। विशेषज्ञों का मानना है कि ये नस्लें आक्रामक स्वभाव की होती हैं और बिना उचित प्रशिक्षण के ये इंसानों और अन्य जानवरों के लिए खतरनाक हो सकती हैं।
इस प्रतिबंध से झारखंड के डॉग लवर्स को निराशा हो सकती है, लेकिन सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह कदम सार्वजनिक सुरक्षा को ध्यान में रखकर उठाया गया है। जिला पशुपालन अधिकारी ने कहा, जिन लोगों ने इन नस्लों को पाल रखा है, उन्हें अब पूरी जिम्मेदारी लेनी होगी। बिना अनुमति के इन कुत्तों को पालना गैरकानूनी होगा, और जरूरत पड़ने पर ऐसे कुत्तों को जब्त भी किया जा सकता है।