आखिर क्यों झारखंड में गदगद है बालू माफिया?
एनजीटी का रोक के बाबजूद बालू का अवैध उठाव बेखौफ, खतरे में राढू नदी का अस्तित्व!
कार्रवाई नहीं झारखण्ड मे गदगद है (बालू माफिया):
रांची: राहे प्रखंड अंतर्गत राढू नदी के बसंतपुर व पोगड़ा बालू घाट में एनजीटी का रोक के बाबजूद नदी से बालू का उठाव बेखौफ जारी है…. नदी के आसपास जहां तहां बड़ी मात्रा में अवैध बालू का डंप है….. उक्त डंपों से रोजना बड़ी संख्या में आयशर ट्रक व ट्रेक्टरों से अवैध बालू का परिवहन बिना किसी डर भय का किया जा रहा है….यह चोरी का बालू जंगल के रास्ते बनसिया घनबसार जरवाडीह होते हुए रांची पुरुलिया मुख्य सड़क मार्ग से अनगड़ा गेतलसूद टाटीसिलवे आसपास में ले जाकर मनमौजी दामों में भेजा जा रहा है…..मिली सूत्रों के मुताबिक बसंतपुर बालू घाट पर लखी मुंडा और परीक्षित मुंडा एवं पोगड़ा बालू घाट पर राधू नामक बालू माफिया दिनभर पूरी सख्ती के साथ डटे रहते हैं उन्हें प्रशासन का तनिक भी डर भय नही। मना करने पर मारपीट करने में उतारू हो जाते है….. बताया जाता है शनिवार को पंचायत के मुखिया तैज्यतमा देवी कई ग्रामीणों के साथ बालू घाट पहुंची। मुखिया ने एजीटी द्वारा 15 अक्टूबर तक नदी से बालू उठाव पर रोक पर सवाल उठायी तो बालू माफिया उस पर उलझ गए और उनके लोगों के साथ धक्का मुक्की करने पर उतारू हो गए…
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इधर मुखिया प्रतिनिधि लक्ष्मी मुंडा ने बताया हमलोगों ने नदी से बालू की अवैध उठाव को लेकर एक बार नही कई एक बार थाना, सीओ और वीडीओ को शिकायत किया, लेकिन कोई सुनने को तैयार नही कहीं न कहीं सभी मिलें हुए है…. यहां सिर्फ कहने को पंचायती राज्य है आम लोगों की बात छोड़े प्रशासन के लोग मुखिया को भी महत्व नही देना चाहते है वो भी आदिवासी महिला मुखिया……