भगवान बिरसा जैविक उद्यान में नई सैर: 6 वर्षीय मादा जिराफ ‘मिस्टी’ और सिल्वर फीजेंट की जोड़ी शामिल, जल्द आएगा नर जिराफ
रांची: भगवान बिरसा जैविक उद्यान, रांची में 7 अगस्त को प्राणी उद्यान अलीपुर, कोलकाता के साथ हुए जीव आदान-प्रदान कार्यक्रम के तहत एक मादा उत्तरी जिराफ ‘मिस्टी’ और सिल्वर फीजेंट की एक जोड़ी लाई गई। 6 वर्षीय मादा जिराफ ‘मिस्टी’ की ऊंचाई 12 फीट से अधिक है, और इसके लिए विशेष रूप से 14 फीट ऊंचा बाड़ा तैयार किया गया है। इस जिराफ को कोलकाता से रांची तक 24 घंटे के कठिन सफर के बाद निम्न तल ट्रेलर में लाया गया, जिस दौरान इसकी जमीन से ऊंचाई 16-17 फीट रही।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!जैविक उद्यान के निदेशक जब्बर सिंह ने बताया कि यह आदान-प्रदान कार्यक्रम कई दिनों से लंबित था और इसे सफलतापूर्वक पूरा किया गया। उन्होंने कहा, “अगले चरण में नर जिराफ को भी रांची लाया जाएगा, जिससे उद्यान की जैव विविधता और आकर्षण बढ़ेगा।” जिराफ, जो शाकाहारी प्राणी है, मुख्य रूप से अफ्रीका के केन्या, दक्षिण सूडान, चाड, नाइजर और मध्य अफ्रीकी गणराज्य के संरक्षित क्षेत्रों में पाया जाता है। चिड़ियाघरों में इसे पेड़ों की पत्तियां और घास खिलाई जाती हैं, और इसका औसत जीवनकाल 19-20 वर्ष होता है।
जिराफ के आगमन और सुरक्षित स्थानांतरण के दौरान झारखंड के प्रधान मुख्य वन संरक्षक, वन्यप्राणी एवं मुख्य वन्यप्राणी प्रतिपालक श्री परितोष उपाध्याय उपस्थित रहे। उन्होंने जिराफ को नाईट शेल्टर में स्थानांतरित करने की प्रक्रिया में हिस्सा लिया। इस प्रक्रिया में जैविक उद्यान के सहायक वन संरक्षक, पशु चिकित्सक दल, वन क्षेत्र पदाधिकारी, जीवविज्ञानी, वनरक्षी, चिड़ियाघर के कर्मचारी और अलीपुर प्राणी उद्यान के कर्मचारियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
इस कार्यक्रम के तहत रांची के भगवान बिरसा जैविक उद्यान ने मादा जिराफ और सिल्वर फीजेंट प्राप्त करने के बदले अलीपुर प्राणी उद्यान को शुतुरमुर्ग भेजा है। अगले चरण में दरियाई घोड़ा, हिमालयन काला भालू, और घड़ियाल का आदान-प्रदान किया जाएगा। यह पहल दोनों संस्थानों के बीच सहयोग को मजबूत करने के साथ-साथ वन्यजीव संरक्षण और आगंतुकों के लिए जैव विविधता के प्रदर्शन को समृद्ध करेगी।
मादा जिराफ ‘मिस्टी’ और सिल्वर फीजेंट के आगमन से भगवान बिरसा जैविक उद्यान पर्यटकों और वन्यजीव प्रेमियों के लिए और आकर्षक बन गया है। नर जिराफ के जल्द शामिल होने की उम्मीद के साथ, उद्यान का महत्व और भी बढ़ने वाला है।







