Dhanbad

Air Pollution:- 4 माह में 4 फीसदी वाहन बढ़े, लेकिन वायु प्रदूषण धनबाद में 171 प्रतिशत बढ़ गया

Air Pollution

Drishti  Now  Ranchi

धनबाद में पिछले 4 माह में वायु प्रदूषण का स्तर दाेगुना से ज्यादा हाे गया है। यह खुलासा झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद की ओर से जारी आंकड़ाें से हुआ है। पर्षद ने शहर में पांच जगहाें – बरटांड़, झरिया के भगतडीह व बस्ताकाेला, सिंदरी और कुसुंडा पर पीएम 10 के स्तर काे रिकाॅर्ड किया। उसके मुताबिक, झरिया के भगतडीह क्षेत्र की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है, जहां पीएम 10 का औसत स्तर 467 माइक्राेग्राम/घनमीटर तक पहुंच गया। चार अन्य जगहाें पर भी यह 237 से 385 माइक्राेग्राम/घनमीटर दर्ज किया गया। आम ताैर पर अधिकतम 100 माइक्राेग्राम/घनमीटर पीएम 10 वाली हवा ही सांस लेने के लिए सुरक्षित मानी जाती है। यानी पांचाें इलाकाें की हवा हमारे लिए सुरक्षित नहीं है।

पर्षद के आंकड़ाें के मुताबिक, अक्टूबर में बरटांड़ की हवा में पीएम 10 का स्तर 123 था, जाे जनवरी में 171% बढ़कर औसतन 333 हाे गया। सबसे ज्यादा प्रदूषण सिंदरी में बढ़ा। वहां अक्टूबर में हवा हमारे लिए सुरक्षित थी, जब पीएम 10 का स्तर 96 था। लेकिन, यह 4 माह में 269% बढ़कर 354 हाे गया। विशेषज्ञ बढ़ते वायु प्रदूषण की दाे बड़ी वजहें बताते हैं – वाहनाें का धुआं और सड़क पर उड़ने वाले धूलकण। परिवहन विभाग के मुताबिक, अक्टूबर 2022 में धनबाद में कुल वाहन करीब 6.73 लाख थे, जाे जनवरी तक 4% बढ़कर 7 लाख हो गए।

बस्ताकाेला में सबसे कम, फिर भी 81% बढ़ गया है वायु प्रदूषण

पर्षद के धनबाद जिले के पांच लाेकेशनाें में से पिछले 4 माह के दाैरान सबसे कम वायु प्रदूषण बस्ताकाेला क्षेत्र में बढ़ा है। वहां अक्टूबर में पीएम 10 की मात्रा 131 थी, जाे जनवरी में 237 पहुंच गई, यानी 81% बढ़ गई। इसी तरह पिछले 4 माह में भगतडीह में पीएम 10 के स्तर में 96% और कुसुंडा में 194% की बढ़ाेतरी दर्ज की गई।

जिले भर में हैं छाेटे-बड़े 27 लाख से अधिक वाहन, अब बैट्री वाले भी

पीएम 10 या पीएम 2.5 के कण इतने सूक्ष्म हाेते हैं कि सांस के माध्यम से हमारे फेफड़ाें में पहुंच जाते हैं। इससे फेफड़े, गले की एलर्जी सहित सांस संबंधी अन्य राेग हाेते हैं। परिवहन विभाग के मुताबिक, जिले में अभी 27 लाख से अधिक वाहन हैं। हालांकि अब सड़काें पर इलेक्ट्रिकल वाहन भी नजर आने लगे हैं, जिनसे वायु प्रदूषण नहीं हाेता।

गाड़ियाें से निकल रहे धुएं व धूलकणों ने बढ़ाया प्रदूषण

क्षेत्रीय पदाधिकारी राम प्रवेश कुमार ने बताया कि वायु प्रदूषण बढ़ने के कारणाें में से महत्वपूर्ण है- वाहनाें से निकलने वाला धुआं और सड़क पर उड़ने वाले धूलकण। सिंदरी सहित जिले के सभी क्षेत्राें में वाहनाें की संख्या काफी बढ़ी है। उनके धुएं और सड़काें पर उड़नेवाली धूल से हवा में पीएम 10 का स्तर बढ़ता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share via