भाजपा आरोप लगाती रहेगी, अबुआ सरकार काम करती रहेगी : विनोद पांडेय का तीखा प्रहार
रांची : झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के महासचिव सह मुख्य प्रवक्ता विनोद पांडेय ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर पैरामेडिकल स्टाफ और संविदा स्वास्थ्यकर्मियों के मुद्दे पर झूठे व तथ्यहीन आरोप लगाने का सिलसिला चलाने का कड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि भाजपा का एकमात्र मकसद हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली ‘अबुआ सरकार’ को बदनाम करना है, लेकिन जनता सब देख रही है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!विनोद पांडेय ने सोमवार को जारी बयान में कहा, “भाजपा आरोप लगाती रहेगी और अबुआ सरकार काम करती रहेगी। भाजपा का पूरा प्रोपेगैंडा तथ्यों से परे, आधा-अधूरा ज्ञान और शुद्ध राजनीतिक स्वार्थ से प्रेरित है।”
पैरामेडिकल स्टाफ की चिंता भाजपा को अचानक क्यों सताने लगी?
विनोद पांडेय ने सवाल उठाया कि जब केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार थी, तब पैरामेडिकल स्टाफ और संविदा स्वास्थ्यकर्मियों की न्यूनतम वेतन, सुरक्षित कार्य वातावरण और पुरानी पेंशन जैसी बुनियादी मांगों पर कभी ध्यान क्यों नहीं दिया गया? उन्होंने कहा, “भाजपा अपने शासनकाल में स्वास्थ्य ढांचे को कमजोर करने और संविदा कर्मचारियों को शोषण के हवाले करने के लिए जानी जाती है।”
गजट अधिसूचना की गलत व्याख्या कर रही भाजपा
JMM प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि श्रम विभाग की हालिया गजट अधिसूचना को भाजपा नेता चुनिंदा रूप से पढ़कर भ्रम फैला रहे हैं। सरकार पैरामेडिकल स्टाफ के वेतनमान, स्किल ग्रेड और मानदेय संरचना को अपडेट करने की प्रक्रिया पहले से चला रही है। पांडेय ने चुनौती दी, “भाजपा बताए कि उनके 2014-2019 के शासनकाल में स्वास्थ्यकर्मियों की सैलरी स्ट्रक्चर किस हाल में थी? 17-18 साल तक वे चुप क्यों बैठे रहे?”
सदर अस्पताल में आउटसोर्सिंग : भाजपा राज का घोटाला, अबुआ सरकार का ऑडिट
विनोद पांडेय ने कहा कि रांची सदर अस्पताल सहित कई जगहों पर आउटसोर्सिंग व्यवस्था भाजपा शासनकाल से ही चल रही है और उस दौरान भ्रष्ट एजेंसियों को संरक्षण देकर बड़े घोटाले हुए। अब जब अबुआ सरकार पूरे आउटसोर्सिंग सिस्टम की ऑडिट और रिव्यू कर रही है, तब भाजपा बौखला गई है और इसे राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रही है।
“भाजपा संविदा कर्मियों की हमदर्द नहीं, शोषक है”
JMM महासचिव ने दो टूक कहा, “भाजपा कभी संविदा कर्मियों की हमदर्द नहीं रही, बल्कि उनके शोषण की नीति बनाने वाली पार्टी रही है। अगर वह सचमुच संवेदनशील होती तो देशभर में संविदा कर्मियों के लिए एक समान नीति बना देती, लेकिन आज तक कुछ नहीं किया।” उन्होंने बताया कि झारखंड की अबुआ सरकार सभी स्वास्थ्यकर्मियों के मानदेय, सेवा शर्तों और सुरक्षा के लिए सुस्पष्ट नीति पर तेजी से काम कर रही है।
अंतिम चेतावनी : ठोस दस्तावेज लाओ, कैमरे पर कहानी मत गढ़ो
विनोद पांडेय ने कड़ा संदेश देते हुए कहा, “झारखंड में भाजपा की राजनीति अब तथ्यहीन आरोपों और झूठे आंकड़ों का खेल बन चुकी है। अगर उनके पास कोई ठोस दस्तावेज है तो सरकार को सौंपें। सिर्फ कैमरे के सामने कहानियां गढ़ने से उन्हें राजनीतिक ऑक्सीजन मिल सकती है, सच नहीं।”
उन्होंने आगे कहा कि हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली अबुआ सरकार ने नर्सों की बड़ी भर्ती, लैब तकनीशियनों की बहाली, जिला स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार और संविदा कर्मचारियों की सुरक्षा जैसे ऐतिहासिक कदम उठाए हैं, जो भाजपा के समय कभी संभव नहीं थे।







