राजधानी की दीवारें बनीं कैनवास, कलाकारों की कूची ने किया कमाल.
रांची : राज्य के शहरों की दीवारें कैनवास बन रही हैं। कलाकारों की कूचियां उसमें रंग भरने लगी हैं। उनपर झारखंडी संस्कृति को परिभाषित करतीं आकृतियां उभरने लगी हैं। दागदार दीवारें बोलने लगी हैं। यह सब आते-जाते लोगों का ध्यान बरबस अपनी ओर खींचती हैं। दीवारों पर उकेरी गईं आकृतियां लोगों के मन को भा रही हैं। लोग चर्चा कर रहे हैं। और यह सब हुआ है मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन के एक निर्देश के बाद। राज्यवासियों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता का संचार करने और झारखण्ड के शहरों को एक विशिष्ट पहचान देने का उनका निर्देश अब धरातल पर नजर आने लगा है।
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद झारखण्ड राज्य शहरी विकास प्राधिकरण के तहत रांची नगर निगम ने ‘रमणीक रांची’ अभियान की पहल की है। शहर की जो दीवारें कल तक दाग-धब्बों और गंदगी से भरी थीं, वे अब आकर्षण का केंद्र बन गई हैं। युवा इन दीवारों को सेल्फी प्वाइंट के रूप में इस्तेमाल करने लगे हैं। राजधानी आने वाले पर्यटक भी राज्य सरकार की इस अनूठी पहल की सराहना करते सोशल मीडिया के मंच पर भी साझा कर रहे हैं ।
और एकाएक निकल पड़े थे मुख्यमंत्री
शहर की दीवारों पर इस बदलाव की कहानी भी रोचक है। दरअसल कुछ दिनों पूर्व मुख्यमंत्री बिरसा स्मृति पार्क के निरीक्षण के बाद बिना किसी पूर्व कार्यक्रम के शहर का निरीक्षण करने निकल गये थे। उस दौरान उन्होंने राजधानी रांची के प्रमुख स्थलों का निरीक्षण किया था। सड़क किनारे की दाग-धब्बों से भरी भद्दे दीवारें देख मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को शहर की साफ-सफाई और सौंदर्यीकरण पर बड़े पैमाने पर काम करने का निर्देश दिया। उनके निर्देशों में शहर की सभी दागदार दीवारों पर पेंटिंग करना, रोड डिवाइडर पर पौधरोपण बढ़ाना और सड़कों पर उड़ने वाली धूल में कमी करना शामिल था। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद पूरे सूबे के शहरों के सौंदर्यीकरण की पहल की नींव पड़ गई।
10 लोकेशन में बन रहा गई ग्रीन वाल
रांची को खुबसूरत बनाने के लिए शहर के 10 स्थानों पर ग्रीन वाल का निर्माण किया जा रहा है. मोरहाबादी, सज्नंद चौक, हिनू, धुर्वा समेत अन्य महत्वपूर्ण स्थानों का चयन हुआ है. शहर को साफ़ सुथरा बनाने की मुहीम बड़ा तालाब से शुरू हुई, जो अपने पुरे शहर में धीरे धीरे फ़ैल रही है. साथ ही शहर के 450 स्थानों पर सालों से जमे कचरे को हटाने का कार्य हो रहा है. टोल फ्री नंबर जारी कर इस अभियान की शुरू किया गया. जिसकी सफलता दिख रही है. कई स्थानों से कचरा को हटा कर उस स्थान को स्वच्छ बनाया गया है.
पेंट माय सिटी अभियान रामगढ़ में
शहरों को खुबसूरत बनाने की पहल कोयला खदानों, स्टोन क्रशर, फैक्ट्री और ईंट की चिमनियां से भरे रामगढ़ में भी दिख रही है। यहां का सूरतेहाल बदलने लगा है। रामगढ़ जिला प्रशासन ने एनजीओ और स्वयंसेवी चित्रकारों के सहयोग से पेंट माय सिटी अभियान शुरू किया है। दीवारों को रंगने वाले संगठनों को निर्देश दिए गए कि दीवार पर पेंटिंग इस तरह से की जाए कि शहर की खूबसूरती बढे। साथ ही, जागरूकता का संदेश भी लोगों के बीच जाये। राज्य सरकार ने उन्हें सभी आवश्यक उपकरण और पेंट सामग्री उपलब्ध कराई। इसके कुछ ही दिनों बाद रामगढ़ जिले की दीवारें न सिर्फ चर्चा का विषय बन गईं, बल्कि जन जागरूकता भी पैदा कर रही हैं।
यहां के 300 से अधिक सरकारी भवनों, स्कूलों एवं अन्य स्थानों को जागरूकता से सम्बंधित संदेशों को पारंपरिक झारखंडी चित्रों के माध्यम से चित्रित किया गया है। मुख्यमंत्री जी के निदेश के उपरांत शहर को स्वच्छ बनाने के कार्य में किसी तरह की कोताई नहीं बरती जायेगी. शहर की दीवारों को पारंपरिक और मॉडर्न आर्ट से पेंट किया जा रहा है. एक बेहतर माहौल बनाने की दिशा में काम हो रहा है.