साइबर ठगी का भंडाफोड़: जांच एजेंसी का अधिकारी बनकर 50 लाख की ठगी, झारखंड CID ने गुजरात से किया गिरफ्तार
साइबर ठगी का भंडाफोड़: जांच एजेंसी का अधिकारी बनकर 50 लाख की ठगी, झारखंड CID ने गुजरात से किया गिरफ्तार
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!रांची: झारखंड CID की साइबर सेल ने एक बड़े साइबर फ्रॉड का पर्दाफाश करते हुए गुजरात के जूनागढ़ निवासी रवि हंसमुख लाल गोपनिया को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने जांच एजेंसी (सीबीआई, एनसीबी, एनआईए) का अधिकारी बनकर व्हाट्सएप वीडियो कॉल के जरिए एक व्यक्ति को 300 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाने की धमकी दी और 50 लाख रुपये की ठगी की।
300 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग का झांसा देकर ठगे पैसे
CID के अनुसार, साइबर अपराधी ने पीड़ित को वीडियो कॉल के माध्यम से डिजिटल अरेस्ट किया और मानसिक रूप से प्रताड़ित कर बैंक खातों के सत्यापन के बहाने 50 लाख रुपये हड़प लिए। अपराधी ने खुद को बेंगलुरु पुलिस और केंद्रीय जांच एजेंसियों का अधिकारी बताकर पीड़ित को डराया और ठगी को अंजाम दिया।
79 लाख रुपये एक ही दिन में खाते में जमा
जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी के इंडियन बैंक खाते (खाता संख्या 20307033166) में एक ही दिन में 79 लाख रुपये जमा हुए। यह खाता बेंगलुरु के CEN क्राइम थाने में दर्ज केस संख्या 405/2025 से भी जुड़ा पाया गया। CID ने तकनीकी और दस्तावेजी साक्ष्यों के आधार पर अहमदाबाद में छापेमारी कर आरोपी को गिरफ्तार किया और अपराध से जुड़े सामान बरामद किए। संबंधित बैंक खातों को फ्रीज कर दिया गया है और ट्रांजेक्शनों की जांच जारी है।
साइबर अपराध के खिलाफ CID की सख्त कार्रवाई
झारखंड CID की इस कार्रवाई से साइबर अपराधियों में हड़कंप मच गया है। CID ने आम जनता से अपील की है कि वे अनजान कॉल्स और डिजिटल अरेस्ट के दावों पर भरोसा न करें और तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन या साइबर सेल से संपर्क करें।







