ट्रंप की और 50% टैरिफ वाली धमकी से भड़का चीन, कहा-“टैरिफ ब्लैकमेल” से डरने वाला नहीं
अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दो अप्रैल को चीन और भारत समेत दुनियाभर के 180 देशों पर टैरिफ लगाने का एलान किया था। जिसके बाद से ही वैश्विक बाजार में उथल-पुथल का माहौल है। इन सबके बीच डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर 50 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने की धमकी दी है। ट्रंप ने कहा कि अगर चीन 8 अप्रैल, 2025 तक अपने 34 प्रतिशत टैरिफ को वापस नहीं लेता, तो अमेरिका 9 अप्रैल से चीन से आयातित वस्तुओं पर 50 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लागू करेगा।
रांची सहित पूरे झारखंड में भीषण गर्मी का प्रकोप जारी, हल्की बारिश की संभावना
अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यह बयान अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दिया, जिसमें उन्होंने यह भी कहा कि चीन के साथ सभी बातचीत खत्म की जाएगी। यह कदम अमेरिका और चीन के बीच चल रहे व्यापारिक तनाव को और गहरा सकता है, जिससे वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंका बढ़ गई है।
डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीन पर 50 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ की धमकी के बाद चीन के तेवर बेहद तल्ख हो गए हैं। इसके जवाब में चीन ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि वह “टैरिफ ब्लैकमेल” से डरने वाला नहीं है और अपने हितों की रक्षा के लिए “मजबूत कदम” उठाएगा। चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने इसे “आर्थिक दादागिरी” करार देते हुए कहा कि अमेरिका का यह कदम अंतरराष्ट्रीय व्यापार नियमों का उल्लंघन करता है।
हजारीबाग का पदमा ओपी बनेगा थाना, देवघर हवाई अड्डा के पास खुलेगा ओपी
बीजिंग ने पहले ही अमेरिकी वस्तुओं पर 34 प्रतिशत टैरिफ लगाकर जवाब दिया था, और अब ट्रंप की नई धमकी के बाद उसने दुर्लभ धातुओं के निर्यात पर नियंत्रण और सख्त करने का संकेत दिया है, जो वैश्विक तकनीकी उद्योग के लिए अहम हैं। चीनी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने इसे “अमेरिकी वर्चस्व का दुरुपयोग” बताया और दावा किया कि चीन अपनी संप्रभुता और आर्थिक स्थिरता की रक्षा के लिए तैयार है।
ट्रंप का “टैरिफ बम” (Tariff Bomb) के नीति, नियत को समझे विस्तार से
गौरतलब है कि यह तनातनी दोनों देशों के बीच चल रहे व्यापार युद्ध को और गहरा सकती है, जिसका असर वैश्विक बाजारों पर भी पड़ रहा है। दुनिया भर की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि क्या चीन ट्रंप की समय सीमा से पहले झुकेगा या टकराव और बढ़ेगा।