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जमशेदपुर में फर्जी नौकरी रैकेट का भंडाफोड़: चार गिरफ्तार, 179 युवक-युवतियां रेस्क्यू

जमशेदपुर में फर्जी नौकरी रैकेट का भंडाफोड़: चार गिरफ्तार, 179 युवक-युवतियां रेस्क्यू

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जमशेदपुर, 27 अगस्त: झारखंड के जमशेदपुर में पुलिस ने एक बड़े फर्जी नौकरी रैकेट का पर्दाफाश किया है, जिसमें बेरोजगार युवाओं को नौकरी का झांसा देकर ठगा जा रहा था। पूर्वी सिंहभूम के ग्रामीण पुलिस अधीक्षक को मिली गुप्त सूचना के आधार पर घाटशिला थाना क्षेत्र में छापामारी की गई, जिसमें चार अपराधियों को गिरफ्तार किया गया और 179 युवक-युवतियों को मुक्त कराया गया। इस रैकेट में युवाओं से नौकरी के नाम पर 25,000 रुपये वसूले जा रहे थे और उन्हें नेटवर्क मार्केटिंग में शामिल होने के लिए मजबूर किया जा रहा था।

ऑपरेशन का विवरण

पुलिस अधीक्षक ग्रामीण, पूर्वी सिंहभूम को गुप्त सूचना मिली कि घाटशिला थाना क्षेत्र में कुछ लोग बेरोजगार युवाओं को नौकरी का लालच देकर ठगी कर रहे हैं। इस सूचना के आधार पर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (एसडीपीओ) घाटशिला के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया। जांच में पता चला कि यह रैकेट एमएस रिया एंटरप्राइजेस नामक एक फर्जी कंपनी के जरिए संचालित हो रहा था, जिसका कार्यालय लालडीह दहीगोड़ा, घाटशिला में था।

इस रैकेट में शामिल लोग बेरोजगार युवाओं को नौकरी देने का वादा कर उनसे 25,000 रुपये की मोटी रकम वसूलते थे। इसके बाद, उन्हें नेटवर्क मार्केटिंग में शामिल होने के लिए दबाव डाला जाता था। जो युवा इसका विरोध करते, उनके साथ मारपीट की जाती थी और उन्हें किराए के मकानों में बंधक बनाकर रखा जाता था, जिससे वे अपने घर नहीं लौट पाते थे।

पुलिस की कार्रवाई

पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर पाटशिला, बाना और मउभंडार पुलिस चौकी (ओपी) क्षेत्रों में संयुक्त छापामारी की गई। इस दौरान फर्जी कंपनी के कार्यालय में कार्यरत 103 युवकों को रंगे हाथ पकड़ा गया। इसके अलावा, एक अन्य व्यक्ति को भी गिरफ्तार किया गया, जो युवाओं के साथ मारपीट में शामिल था। छापामारी के दौरान पुलिस ने एमएस रिया एंटरप्राइजेस के कार्यालय को सील कर दिया और वहां से सभी दस्तावेजों को जब्त कर लिया।

पुलिस ने कुल 179 युवक-युवतियों को मुक्त कराया, जो छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और ओडिशा जैसे राज्यों से थे। इन सभी को किराए के मकानों में बंधक बनाकर रखा गया था। मुक्त कराए गए युवाओं को अब उनके घर वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

गिरफ्तार अपराधी

पुलिस ने इस मामले में चार अपराधियों को गिरफ्तार किया है, जिनकी पहचान निम्नलिखित है:
1. रोमेन्ट कुमार(28 वर्ष), पिता: बबलु राय, पता: भोलाबगान, छोटागोविन्दपुर, थाना गोविन्दपुर, जिला पूर्वी सिंहभूम।
2. मोहन कुमार राणा, पिता: गागो राणा, पता: डोमचाच।
3. शिवम कुमार सिंह, पिता: सुनिल सिंह, जिला: वैशाली।
4. कुलदीप सिंह(34 वर्ष), पिता: परमजीत सिंह।

मुख्य सरगनाओं की तलाश जारी

पुलिस ने इस रैकेट के मुख्य सरगनाओं राजू यादव, सुनिल यादव, राहुल रंजन, अनिल, रवि चौहान और अन्य की गिरफ्तारी के लिए छापामारी शुरू कर दी है। इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की योजना है ताकि इस तरह के फर्जी रैकेट को पूरी तरह से खत्म किया जा सके।

पुलिस की चेतावनी

पूर्वी सिंहभूम पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे नौकरी के नाम पर किसी भी तरह के लालच में न आएं और किसी भी कंपनी या व्यक्ति को पैसे देने से पहले उनकी विश्वसनीयता की जांच करें। पुलिस ने यह भी कहा कि इस तरह के फर्जी रैकेट के खिलाफ उनकी कार्रवाई निरंतर जारी रहेगी।

जाहिर है यह कार्रवाई जमशेदपुर पुलिस की सक्रियता और सतर्कता का एक उदाहरण है, जिसने सैकड़ों बेरोजगार युवाओं को ठगी और शोषण से बचाया। इस घटना ने एक बार फिर यह साबित किया है कि बेरोजगारी का फायदा उठाकर ठगी करने वाले रैकेट समाज में सक्रिय हैं, और ऐसे में जनता को सावधान रहने की जरूरत है।

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