झारखंड : पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन का स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी पर बड़ा आरोप , बिना NMC रजिस्ट्रेशन के OPD में मरीज देख रहे मंत्री जी
झारखंड : पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन का स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी पर बड़ा आरोप , बिना NMC रजिस्ट्रेशन के OPD में मरीज देख रहे मंत्री जी
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!रांची, 5 दिसंबर झारखंड के स्वास्थ्य, परिवार कल्याण एवं आपदा प्रबंधन मंत्री इरफान अंसारी पर पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने बड़ा आरोप लगाया है । उन्होंने X पर ट्वीट करते हुए लिखा है की इरफान अंसारी का नाम नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) की आधिकारिक वेबसाइट पर दर्ज़ नही है । उनका नाम किसी भी वैध मेडिकल प्रैक्टिश्नर की सूची में नहीं मिल रहा है, फिर भी वे सरकारी अस्पतालों की OPD में डॉक्टर बनकर मरीजों को देख रहे हैं और प्रिस्क्रिप्शन लिख रहे हैं। मरीजो की जान से खेल रहे है।
3 दिसंबर को जामताड़ा जिला अस्पताल और उसके बाद कई सदर अस्पतालों में मंत्री अंसारी खुद OPD कक्ष में कुर्सी लगाकर मरीजों की जाँच कर रहे थे। उनके साथ मौजूद चिकित्सकों और कर्मचारियों ने चुपचाप यह नौटंकी देखी। विपक्ष ने इसे “रील मंत्री की नौटंकी” और “मरीजों की जान से खिलवाड़” करार दिया है।
NMC की वेबसाइट पर नाम गायब !
चंपई सोरेन का आरोप है की NMC यानी Indian Medical Register (https://www.nmc.org.in/information-desk/indian-medical-register/) में “Irfan Ansari” या “इरफ़ान अंसारी” सर्च करने पर कोई रिकॉर्ड नहीं मिलता। झारखंड मेडिकल काउंसिल के रजिस्ट्रेशन नंबर की भी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। मेडिकल काउंसिल ऑफ़ इंडिया नियमों के अनुसार बिना वैध रजिस्ट्रेशन के चिकित्सा करना आपराधिक कृत्य है। उन्होंने X पर ट्वीट किया है
RIMS की 11 एकड़ जमीन पर बहुमंजिला अपार्टमेंट!
इसी बीच रांची के रिम्स कैंपस की करीब 11 एकड़ बहुमूल्य जमीन पर अवैध कब्ज़ा और निर्माण की खबर ने नया बवाल खड़ा कर दिया है। रिम्स के मुख्य गेट के ठीक सामने बरियातू रोड पर “रिवर व्यू अपार्टमेंट” नाम से बहुमंजिला इमारत बन रही है। स्थानीय लोग और RTI कार्यकर्ताओं का दावा है कि यह जमीन 1980 में रिम्स को आवंटित की गई थी, लेकिन दबंगों ने फर्जी कागज़ात के ज़रिए कब्ज़ा कर लिया।निर्माण कार्य तेज़ी से चल रहा है और बिना रिम्स प्रशासन या राज्य सरकार की कोई आपत्ति के यह इमारत लगभग पूरी हो चुकी है। सूत्रों का कहना है कि इतने बड़े पैमाने पर निर्माण बिना उच्च स्तर की मिलीभगत के संभव नहीं था।
नगड़ी में RIMS-2 के नाम पर आदिवासी ज़मीन हड़पने की पुरानी साजिश
नगड़ी में प्रस्तावित RIMS-2 के लिए 2011-12 में सैकड़ों एकड़ आदिवासी-मूलवासी किसानों की जमीन अधिग्रहण की कोशिश हुई थी। किसानों ने लंबा आंदोलन किया था और मामला हाईकोर्ट तक गया। अब खबर है कि वही ज़मीन फिर से “प्राइवेट प्रोजेक्ट” के नाम पर हड़पी जा रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने मंत्री जी से सवाल किया है की अगर मंत्री की लिखी दवा से किसी मरीज की जान चली गई तो ज़िम्मेदार कौन होगा?
रिम्स की जमीन पर अवैध अपार्टमेंट को कौन बचा रहा है?
क्या “अबुआ सरकार” का मतलब सिर्फ़ नौटंकी और भ्रष्टाचार है?







