कुरडेग (झारखंड) ने जीता फादर रेने देबक मेमोरियल हॉकी टूर्नामेंट, तोरपा विधायक सुदीप गुड़िया बोले – अनुशासन ही सफलता की कुंजी
शंभू कुमार सिंह
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!सिमडेगा : बिरसा मुंडा जयंती एवं झारखंड स्थापना दिवस के पावन अवसर पर ठेठईटांगर प्रखंड के जामपानी (पारिश पल्ली) मैदान में आठ दिवसीय फादर रेने देबक मेमोरियल पुरुष हॉकी प्रतियोगिता एवं सांस्कृतिक नृत्य प्रतियोगिता का रंगारंग समापन हुआ। सांस्कृतिक कला मंच एवं संत जोसेफ क्लब समिति के तत्वावधान में आयोजित इस भव्य कार्यक्रम में मुख्य अतिथि तोरपा विधायक श्री सुदीप गुड़िया एवं विशिष्ट अतिथि झामुमो जिला अध्यक्ष श्री अनिल कंडुलना सहित हजारों ग्रामीण उपस्थित रहे।
फाइनल मुकाबला जाऊकुदर (ओड़िशा) और कुरडेग (झारखंड) के बीच खेला गया। कुरडेग की टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 2-1 से जीत हासिल की। विजेता कुरडेग (झारखंड) को ₹50,000 नगद + ट्रॉफी और उपविजेता जाऊकुदर (ओड़िशा) को ₹25,000 नगद + ट्रॉफी दी गई।
मुख्य अतिथि विधायक सुदीप गुड़िया ने खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए कहा, “हॉकी हमारा राष्ट्रीय खेल है और सिमडेगा हॉकी की नर्सरी के रूप में विश्व प्रसिद्ध है। खेल में अनुशासन का होना अति आवश्यक है। अनुशासन का अर्थ है नियमों की सीमाओं में रहकर काम करना। खेल से शारीरिक, मानसिक एवं बौद्धिक विकास होता है। सभी खिलाड़ी अनुशासित रहें, खेल की भावना से खेलें और अपने माता-पिता, गांव एवं समाज का नाम रोशन करें।” उन्होंने सांस्कृतिक नृत्य प्रतिभागियों से कहा, “हमारी परंपरा, हमारी माटी ही हमारी पहचान है। इसे संजोये रखना हम सबका दायित्व है।”
विशिष्ट अतिथि अनिल कंडुलना ने कहा, “सिमडेगा हॉकी का शहर है। आयोजन समिति और ग्रामीणों के सहयोग से यह भव्य टूर्नामेंट सफल हुआ। युवा पीढ़ी मेहनत करे, आगे बढ़े और देश-प्रदेश का नाम रोशन करे। परंपरागत नृत्यों का आयोजन गर्व की बात है।”
महिला मंडल सखी दीदियों ने ढोल-मांडर की थाप पर थिरकते हुए अतिथियों का पारंपरिक स्वागत किया। मांडर नाच, नगाड़ा नाच, पारंपरिक एवं आधुनिक नृत्य प्रतियोगिताओं में प्रतिभागियों ने शानदार प्रदर्शन किया और सभी को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।





