रांची के तमाड़ में पागल कुत्ते का आतंक: 17 लोग घायल, इलाके में दहशत का माहौल


रांची के तमाड़ में पागल कुत्ते का आतंक: 17 लोग घायल, इलाके में दहशत का माहौल
रांची,: झारखंड की राजधानी रांची के तमाड़ इलाके में गुरुवार को एक पागल कुत्ते ने आतंक मचा दिया। इस बेकाबू कुत्ते ने तमाड़ से रायडीह और आमलेशा तक करीब 10 किलोमीटर के दायरे में 17 लोगों को काटकर घायल कर दिया। घायलों में स्कूली बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग शामिल हैं, जिनमें से कई छुट्टी के बाद घर लौट रहे थे। इस घटना ने पूरे क्षेत्र में दहशत फैला दी है, और लोग अब सड़कों पर निकलने से डर रहे हैं।
घटना
गुरुवार की दोपहर तमाड़ इलाके में एक पागल कुत्ता अचानक हिंसक हो गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, कुत्ता तेजी से दौड़ते हुए लोगों पर हमला कर रहा था। यह कुत्ता तमाड़ से शुरू होकर रायडीह और आमलेशा तक पहुंचा, जहां उसने रास्ते में मिलने वाले लोगों को निशाना बनाया। ग्रामीणों ने बताया कि कुत्ता किसी को देखते ही झपट पड़ता था और काटने के बाद तुरंत भाग जाता था। इस दौरान उसने स्कूली बच्चों, राहगीरों और खेतों में काम कर रहे लोगों को भी नहीं बख्शा।

स्थानीय निवासी रमेश महतो ने बताया, “कुत्ता इतनी तेजी से हमला कर रहा था कि लोग संभल ही नहीं पाए। बच्चों को स्कूल से लौटते वक्त काट लिया गया। पूरे गांव में डर का माहौल है।”
घायलों की स्थिति और इलाज
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय लोग और प्रशासन हरकत में आए। सभी 17 घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका प्राथमिक उपचार शुरू किया गया। डॉक्टरों के अनुसार, अधिकांश घायलों को रेबीज का टीका (एंटी-रेबीज वैक्सीन) लगाया गया है। घायलों में शामिल बच्चों के परिजन सदमे में हैं और उन्होंने प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
ग्रामीणों में डर का माहौल
इस घटना के बाद तमाड़ और आसपास के गांवों में दहशत का माहौल है। लोग सड़कों पर निकलने से डर रहे हैं, खासकर सुबह और शाम के समय। कई ग्रामीणों ने बताया कि कुत्ते के हमले की वजह से बच्चे स्कूल जाने से भी कतरा रहे हैं। स्थानीय निवासी ममता देवी ने कहा, “हमारे लिए अब बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। प्रशासन को जल्द से जल्द इस कुत्ते को पकड़ना चाहिए, नहीं तो और लोग इसका शिकार हो सकते हैं।”

घटना के बाद ग्रामीणों ने स्थानीय प्रशासन और वन विभाग से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। वन विभाग के अधिकारियों ने इस मामले पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया है। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रहा है। उन्होंने मांग की है कि पागल कुत्ते को जल्द से जल्द पकड़ा जाए और क्षेत्र में रेबीज जैसी बीमारियों को रोकने के लिए पशु टीकाकरण अभियान चलाया जाए।
पागल कुत्ते और रेबीज का खतरा
विशेषज्ञों के अनुसार, पागल कुत्ते के काटने से रेबीज जैसी जानलेवा बीमारी का खतरा रहता है। रेबीज एक वायरल संक्रमण है, जो लाइलाज है और समय पर उपचार न मिलने पर मृत्यु तक हो सकती है। स्थानीय स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि कुत्ते के काटने की स्थिति में तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाएं और एंटी-रेबीज वैक्सीन लें।
इस घटना ने एक बार फिर आवारा कुत्तों की समस्या को उजागर किया है। ग्रामीणों ने मांग की है कि प्रशासन न केवल इस पागल कुत्ते को पकड़े, बल्कि क्षेत्र में आवारा पशुओं की संख्या को नियंत्रित करने के लिए दीर्घकालिक कदम उठाए।








