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PLFI सुप्रिमो दिनेश गोप इलाज के लिए रांची के रिम्स शिफ्ट

पीएलएफआई (People’s Liberation Front of India) का सुप्रीमो  दिनेश गोप को इलाज के लिए रांची का रिम्स लाया गया। , जानकारी के मुताबिक 
पलामू जेल में रहते हुए दिनेश गोप के हाथ में चोट लगी, जिसके बाद उनका ऑपरेशन हुआ। ऑपरेशन के दौरान कुछ न्यूरोलॉजिकल समस्याएं है और उन्हें डॉक्टरों की सलाह के बाद रिम्स इलाज के लिए भेजा गया है 
गिरफ्तारी और शुरुआती हिरासत
दिनेश गोप को मई 2023 में झारखंड पुलिस और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की संयुक्त टीम ने नेपाल से गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद उन्हें रांची की बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में रखा गया। हालांकि, वहां से उसके खिलाफ यह शिकायत सामने आई कि वे जेल के अंदर से भी अपनी गतिविधियों को संचालित कर रहा है। खास तौर पर, कारोबारियों से लेवी (उगाही) मांगने के आरोप लगे। इस कारण जेल प्रशासन ने सख्त कदम उठाते हुए 16 सितंबर 2023 को उन्हें रांची से पलामू जेल में स्थानांतरित कर दिया। 
स्वास्थ्य स्थिति और इलाज की मांग
पलामू जेल में रहते हुए दिनेश गोप के हाथ में चोट लगी, जिसके बाद उनका ऑपरेशन हुआ। ऑपरेशन के दौरान कुछ न्यूरोलॉजिकल समस्याएं भी सामने आईं। उसे बेहतर इलाज  के लिए रिम्स के मेडिकल बोर्ड ने सिफारिश की कि उन्हें देवघर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) भेजा जाए, क्योंकि वहां विशेषज्ञ सुविधाएं उपलब्ध हैं। लेकिन राज्य सरकार ने इस सुझाव का विरोध किया और झारखंड हाईकोर्ट में दलील दी कि रिम्स में ही न्यूरो सर्जन मौजूद हैं और उनका इलाज यहीं संभव है। सरकार का यह भी तर्क था कि सुरक्षा कारणों से उन्हें राज्य से बाहर भेजना उचित नहीं होगा।
हाईकोर्ट का हस्तक्षेप
झारखंड हाईकोर्ट ने इस मामले में दखल दिया और सरकार को निर्देश दिया कि दिनेश गोप को बेहतर इलाज के लिए रिम्स में शिफ्ट किया जाए।  जिसके बाद दिनेश गोप को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पलामू जेल से रिम्स लाया गया। उनका इलाज रिम्स के ट्रॉमा सेंटर में होना तय हुआ।
सुरक्षा 
दिनेश गोप का मामला सिर्फ एक कैदी के इलाज तक सीमित नहीं है। उनकी पहचान एक उग्रवादी संगठन के प्रमुख के रूप में होने के कारण सुरक्षा व्यवस्था पर खास ध्यान दिया जा रहा है। 
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