सिमडेगा पुलिस का कमाल: ऑपरेशन रेड हंट में 2 माह में 51 लाल वारंटियों को जेल भेजा, शतक लगाया निष्पादन में

शंभू कुमार सिंह
सिमडेगा जिले में अपराधियों के खिलाफ सख्ती का नया अध्याय लिखा जा रहा है। जिला पुलिस ने ‘ऑपरेशन रेड हंट’ के तहत लाल वारंट निष्पादन में शानदार सफलता हासिल की है। मात्र डेढ़ माह के अभियान में 104 लाल वारंटों का निष्पादन करते हुए 51 लंबे समय से फरार अभियुक्तों को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा दिया गया। एसपी एम अर्शी ने प्रेस वार्ता में इस उपलब्धि पर गर्व जताते हुए कहा कि अभियान का असर साफ नजर आ रहा है और अपराधियों का ग्राफ तेजी से गिर रहा है।

ऑपरेशन रेड हंट के तहत पुलिस ने आज 6 और लाल वारंटियों को दबोच लिया। इनमें 32 वर्षों से फरार फॉरेस्ट एक्ट के आरोपी मदरा उरांव (कोलेबिरा थाना कांड संख्या 09/1993) शामिल हैं, जिन्हें विशेष छापामारी के दौरान गिरफ्तार किया गया। इसी तरह, नक्सल घटना से जुड़े 16 वर्ष पुराने मामले (बानो थाना कांड संख्या 22/2009) के आरोपी महेश गोप को भी जेल भेजा गया।

चर्चित जमीन धोखाधड़ी के आरोपी हीरालाल गुप्ता (शाम टोली निवासी, थाना कांड संख्या 147/2015 सहित तीन मामले) 10 वर्षों से फरार थे। पुलिस ने उन्हें रांची के चिरौंदी चौक साइंस सिटी के पास किराए के मकान से धर दबोचा। इसके अलावा, 21 वर्षों से फरार मारपीट के आरोपी सुरेन्द्र बड़ाइक (कोलेबिरा थाना कांड संख्या 24/2004 सहित तीन मामले), 16 वर्ष पुराने मानव तस्करी मामले का आरोपी (रेंगरीह थाना क्षेत्र) और 10 वर्ष से फरार राजमुनि कुमारी (बोलबा थाना क्षेत्र, मानव तस्करी) को भी गिरफ्तार कर न्याय के कठघरे में खड़ा किया गया।

एसपी अर्शी ने बताया कि अभियान के दौरान 38 वर्षों से फरार कई अभियुक्तों को भी पकड़ा गया है। कुल 51 गिरफ्तारियों में से कई मामले दशकों पुराने हैं। एसपी ने बताया कि 19 लाल वारंटी मृत पाए गए हैं, जिनपर 21 लाल वारंट थे। वहीं 06 लाल वारंटियों ने ऑपरेशन के दबाव में अदालत में आत्मसर्पण किया है। तीन वारंट वापस हुए और एक वारंट जमानत मिलने से वापस हुए हैं।

यह अभियान जिले में कानून-व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। एसपी अर्शी ने कहा, “अपराधियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। ऑपरेशन रेड हंट जारी रहेगा और फरारों की संख्या शून्य करने का लक्ष्य है।”








