झारखंड विधानसभा में गूंजा थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों का दर्द, सरकार से प्रदीप यादव ने पूछे तीखे सवाल
झारखंड विधानसभा में गूंजा थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों का दर्द, सरकार से प्रदीप यादव ने पूछे तीखे सवाल
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!रांची, 9 दिसंबर
झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन मंगलवार को सदन में थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों का मुद्दा जोर-शोर से उठा। कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव (गोड्डा) ने स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी से चार तीखे सवाल किए।
प्रदीप यादव ने पूछा: झारखंड में थैलेसीमिया पीड़ितों की वास्तविक संख्या कितनी है?
क्या सरकार इन मरीजों को कोई आर्थिक या चिकित्सीय सहायता दे रही है?
थैलेसीमिया मरीजों को मुफ्त ब्लड उपलब्ध कराया जा रहा है या नहीं?
सरकार इन मरीजों को स्थायी राहत कब तक दे पाएगी?
जवाब में स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने कहा,
“हमारी सरकार इस मामले में पूरी तरह संवेदनशील है। राज्य में थैलेसीमिया पीड़ितों का सटीक आंकड़ा जुटाने के लिए सर्वे कराया जा रहा है, इसके लिए निविदा भी जारी कर दी गई है। सभी सदर अस्पतालों में थैलेसीमिया मरीजों को निःशुल्क ब्लड दिया जा रहा है। साथ ही सरकार ने तमिलनाडु के क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज (CMC) वेल्लोर के साथ टाई-अप किया हुआ है, जहां मरीजों का उन्नत इलाज होता है।”
इस जवाब से असंतुष्ट प्रदीप यादव ने सदन में फिर सवाल दागा,
“बिहार, छत्तीसगढ़ और ओडिशा जैसे पड़ोसी राज्य थैलेसीमिया मरीजों के इलाज पर 15 से 20 लाख रुपये तक खर्च कर रहे हैं। केंद्र सरकार भी नेशनल हेल्थ मिशन के तहत प्रति मरीज 10 लाख रुपये तक की सहायता देती है। फिर झारखंड सरकार एक मरीज के इलाज पर कितना खर्च करती है? यह स्पष्ट करें।”
मंत्री ने इस सवाल का सीधा जवाब नहीं दिया और केवल फ्री ब्लड तथा CMC वेल्लोर टाई-अप की बात दोहराई।
प्रदीप यादव ने सरकार पर थैलेसीमिया पीड़ितों के प्रति उदासीनता का आरोप लगाते हुए कहा कि अभी तक न तो राज्य में मरीजों का सही डेटा है, न ही कोई स्पष्ट आर्थिक पैकेज घोषित किया गया है। सदन में यह मुद्दा काफी देर तक गूंजता रहा।फिलहाल सरकार की ओर से केवल “सर्वे चल रहा है” और “सदर अस्पतालों में फ्री ब्लड + वेल्लोर टाई-अप” ही प्रमुख कदम बताए गए हैं। साथ ही जल्द ही सदर अस्पताल में बोन मैरो ट्रांसप्लांट होगा इस बात को भी दोहराया है ।
वैसे थैलेसीमिया पीड़ित परिवार अब भी स्थायी नीति और पर्याप्त आर्थिक सहायता की घोषणा का इंतजार कर रहे हैं।






