Bihar News:-तमिलनाडु से लौटी टीम ने मुख्यमंत्री को सौंपी रिपोर्ट:3 मिनट प्रेस कॉन्फ्रेंस की, बोले- वहां कुछ नहीं हुआ; सारे वायरल वीडियो भी फेक
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बिहार मजदूरों के साथ कथित मारपीट की जांच के लिए तमिलनाडु गई 4 अफसरों की टीम वापस आ गई है। टीम ने शुक्रवार को जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सौंप दी। टीम के चारों सदस्य एक साथ मीडिया के सामने आए। सूचना भवन के कॉन्फ्रेंस हॉल में करीब 3 मिनट की प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
जांच टीम को लीड करने वाले ग्रामीण विकास विभाग के सचिव बालामुरुगन डी ने कहा कि तमिलनाडु में बिहार के लोगों पर किए जा रहे कथित हमले का वीडियो फेक निकला।
यह टीम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बनाई थी। इसमें बालामुरुगन डी के साथ श्रम संसाधन विभाग के विशेष सचिव आलोक कुमार, CID के IG पी कन्नन और STF के SP संतोष कुमार शामिल थे। टीम चार दिन तक तमिलनाडु में रही।
नहीं हुई बिहार के लोगों के साथ कोई घटना
बालामुरुगन डी ने कहा- 4 मार्च से लेकर 7 मार्च तक उनकी अगुवाई में टीम तमिलनाडु में रही। इस दौरान टीम चेन्नई, तिरुपुर एवं कोयंबटूर जिलों में गई। वहां के जिला पुलिस प्रशासन, इंडस्ट्री एसोसिएशन के साथ अलग-अलग संस्थाओं के प्रतिनिधियों से बात की। वहां रह रहे बिहार के लोगों से बात की। पूरे मामले की जानकारी हासिल की। तमिलनाडु के मुख्य सचिव और DGP से भी टीम ने मिलकर बातचीत की। चार दिनों की जांच-पड़ताल में यही बात सामने आई कि सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर वायरल किए गए वीडियो गलत निकले। वहां रह रहे बिहार के लोगों के साथ कोई घटना नहीं घटी थी।
7 वीडियो मिले फेक
टीम ने मुख्यमंत्री को अपनी रिपोर्ट सौंपी है। उन्हें डिटेल के साथ पूरे मामले की जानकारी दी है। स्पेशल टीम ने अपनी जांच में सोशल मीडिया में 7 वायरल वीडियो के साथ ही कुछ न्यूज और मैसेज, जो बिहार के प्रवासी श्रमिकों के मोबाइल फोन पर पाए गए, वे भ्रामक निकले। जिन घटनाओं से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए, वह घटना बिहार के लोगों के साथ हुई ही नहीं। जांच टीम ने दावा किया है कि सभी वायरल वीडियो गलत पाए गए हैं।
तमिलनाडु सरकार कर रही है कार्रवाई
प्रेस कॉन्फ्रेंस में बालामुरूगन डी से मीडिया की टीम जांच से जुड़े कुछ सवाल पूछती, लेकिन इसके पहले ही उन्होंने कह दिया कि वर्तमान में लोग यह समझने लगे हैं कि प्रचलित वीडियो भ्रामक है। इसलिए वहां बनाए गए हेल्पलाइन नंबर पर लोगों के कॉल भी कम आ रहे हैं। इस मामले में गलत एवं भ्रामक सूचना फैलाने वालों पर कार्रवाई करने के लिए तमिलनाडु सरकार के अधिकारी की तरफ से लगातार सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।
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