Manipur: मणिपुर की घटना के विरोध में कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का पुतला दहन किया गया।
Manipur: मणिपुर में हुए आदिवासी महिलाओ के साथ शर्मनाक घंटा पर पुरे देश में उबाल है , लोगो उन दरिंदो के खिलाफ अपनी भड़ास और प्रतिक्रिया जाहिर कर रहे है इसी बीच कांग्रेस कमिटी ने भी मणिपुर में महिलाओं के साथ हुई अमानवीय एवं शर्मनाक घटना के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का पुतला दहन किया गया।
इसी कड़ी में झारखण्ड राज्य की राजधानी रॉंची में मणिपुर में महिलाओं के साथ हुई अमानवीय एवं शर्मनाक घटना के खिलाफ झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के तत्वावधान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का पुतला दहन आज शाम 05 बजे अल्बर्ट एक्का चौक पर प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर के नेतृत्व में किया गया।
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पुतला दहन कार्यक्रम के उपरांत मीडिया से मुखातिब होते हुए प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि यह अत्यंत शर्मनाक और निंदनीय है कि 21वीं सदी में भी एक महिला के साथ इस तरह की बर्बरता की जाती है। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटना भाजपा शासित प्रदेशों में ज्यादा घट रही है। उन्होंने कहा कि मणिपुर की इस घटना सिर्फ मणिपुर ही नहीं पूरे भारत वर्ष को शर्मशार किया है।
उन्होंने कहा कि क्या बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ की नारा देने वाली भाजपा यह बताए कि क्या इस तरह से बचेगी बेटियां। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ऑल इज वेल का दिखावा कब बंद करेंगी, मणिपुर के मुख्यमंत्री को कब हटाया जाएगा। प्रधानमंत्री की चुप्पी और निष्क्रियता मणिपुर को अराजकता की ओर धकेल दिया। उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ वायरल वीडियो दिल दहला देने वाली है। उन्होंने प्रधानमंत्री से प्रश्न करते हुए कहा कि क्या ऐसेी घटनाओं से प्रधानमंत्री बेचौन नहीं होते। ऐसी घटनाएं उन्हें परेशान नहीं करती। उन्होंने कहा कि मणिपुर महिलाओं के लिए न्याय सुनिश्चित नहीं कर सकते तो भाजपा का नारी शक्ति का दावा खोखला साबित हो रहा है।
कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने कहा कि मणिपुर में मानवता मर गई है। पीएम मोदी को उनकी चुप्पी पर देश कभी माफ नहीं कर पाएगा। राज्य और केंद्र में खुद की नाकामियों के लिए दूसरों को जिम्मेदार ठहराने की बजाय प्रधानमंत्री मोदी को देश को बताना चाहिए कि मणिपुर में हुआ क्या है। संसद में हम मणिपुर पर विस्तृत चर्चा चाहते हैं और पीएम मोदी को सदन में हिंसा पर विस्तृत बयान देना चाहिए। मणिपुर के मुख्यमंत्री का तत्काल इस्तीफा लिया जाए और राष्ट्रपति शासन लगाया जाए।
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत ने कहा कि मणिपुर हिंसा को 78 दिन, जबकि महिलाओं को नग्न करके घुमाने और कथित तौर पर दुष्कर्म की भयावह घटना को 77 दिन हो गए हैं। अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए हुए दो महीने से ज्यादा हो गए हैं और अपराधी अभी भी पकड़ से बाहर हैं। आज 1800 घंटे से अधिक समय की चुप्पी के बाद आख़िरकार प्रधानमंत्री मोदी ने मणिपुर पर कुल 30 सेकंड तक बात की। उसके बाद पीएम ने मणिपुर में शासन की विफलताओं और मानवीय त्रासदी से ध्यान हटाने का प्रयास किया। पीएम मोदी ने मणिपुर हिंसा के मुद्दे को पूरी तरह से नजरअंदाज़ कर दिया। उन्होंने न तो शांति की कोई अपील की और न ही मणिपुर के मुख्यमंत्री से अपना पद छोड़ने के लिए कहा।
विधायक दीपिका पाण्डेंय सिंह ने कहा कि मणिपुर में महिलाओं के साथ हैवानियत हुई है। इससे हम सबका सिर शर्म से झुका है। यह बेहद अफसोसजनक है कि प्रधानमंत्री जी ने आज 78 दिन के बाद मणिपुर हिंसा को लेकर मुंह खोला है, मगर इस दौरान भी उन्होंने सिर्फ़ राजनीति की। सीजेआई को भी कमेंट करना पड़ गया, क्या इस शर्म से प्रधानमंत्री को बोलना पड़ा? क्या महिलाओं को इंसाफ मिलेगा या नहीं? इंडिया द्वारा इस वीडियो को लेकर सदन के बाहर और सदन के अंदर सरकार से जवाब मांगा जाएगा।