लोकतंत्र के महापर्व पर ड्यूटी के लिए गया व्यक्ति छह साल से गायब, पिता की राह तकता एक परिवार, आंसुओं में डूबी एक मां की पुकार
लोकतंत्र के महापर्व पर ड्यूटी के लिए गया व्यक्ति छह साल से गायब, पिता की राह तकता एक परिवार, आंसुओं में डूबी एक मां की पुकार ,एक परिवार का कमाने वाला छह साल से गायब ,ECL का मेहनती कर्मचारी ,ECL जबाबदेही से कैसे मुँह फेर सकता है ।
देवघर: पंकज पांडेय
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!देवघर के चितरा की गलियों में एक घर है, जहां हर सुबह मलूटी कौल की आंखें अपने पति रोहन कौल के लौटने की उम्मीद में दरवाजे की ओर टिक जाती हैं। लेकिन छह साल बीत गए, और वो उम्मीद अब धीरे-धीरे टूटती जा रही है। रोहन कौल, एक मेहनती ईसीएल कर्मचारी, 2019 के लोकसभा चुनाव में ड्यूटी के लिए निकले थे। 18 मई 2019 को ड्यूटी के दौरान उनकी तबीयत बिगड़ी, और सदर अस्पताल में भर्ती होने के बाद वह रहस्यमय ढंग से गायब हो गए। तब से उनके परिवार की जिंदगी अधर में लटकी है।
“हमारी दुनिया उजड़ गई”
रोहन के बेटे लाल जी कौल की आवाज में दर्द साफ झलकता है। “पिछले छह साल से मैं हर दफ्तर, हर अधिकारी के पास गया। एसपी, डीसी, ईसीएल प्रबंधन—सबको लिखित और मौखिक शिकायत दी, लेकिन मेरे पिता का कोई अता-पता नहीं।” लाल जी बताते हैं कि परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि एक दिन की कमाई न हो, तो रात का खाना भी जुटाना मुश्किल हो जाता है।
रोहन की बहू रेखा देवी की आंखों में आंसू और गुस्सा एक साथ हैं। “हमारे बच्चे पढ़ाई छोड़ चुके हैं। मेरी बेटी मैट्रिक पास कर घर बैठी है, क्योंकि हमारे पास फीस के पैसे नहीं। मेरे ससुर ही घर के इकलौते कमाने वाले थे। उनके बिना हमारा हर दिन एक जंग है।” रेखा की आवाज में वह दर्द है, जो हर उस परिवार की कहानी बयां करता है, जिसका सहारा छिन गया हो।
अस्पताल से गायब होने का रहस्य
रोहन के पौत्र गुलटन कौल उस दिन को याद कर सिहर उठते हैं। “18 मई को दादाजी ड्यूटी के दौरान गिर गए। उन्हें सदर अस्पताल भेजा गया। हमें खबर मिली तो हम तुरंत पहुंचे। डॉक्टरों ने कहा कि उनकी हालत ठीक नहीं, बाहर इंतजार करो। घंटों इंतजार के बाद जब हम अंदर गए, तो दादाजी वहां नहीं थे।” गुलटन की आवाज में हैरानी और निराशा है। “क्या कोई यूं ही अस्पताल से गायब हो सकता है?







