झारखंड के पूर्व शिक्षा मंत्री बंधु तिर्की बने किसान, खेत में उतरकर की धान रोपनी
झारखंड के पूर्व शिक्षा मंत्री और प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की आज अपने पैतृक गांव बनहोरा में एक बार फिर किसान की भूमिका में नजर आए। सुबह-सुबह हल-बैल के साथ खेत में उतरे बंधु तिर्की ने पहले पानी से भरे खेत को जोता और फिर धान की रोपनी की। इस दौरान वह घंटों खेत में पसीना बहाते दिखे।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!यह पहला मौका नहीं है जब बंधु तिर्की खेत में धान रोपनी करते नजर आए हों। वह हर साल अपने पैतृक गांव में पारंपरिक तरीके से खेती करते हैं। उनके लिए खेती सिर्फ आजीविका का साधन नहीं, बल्कि अपनी जमीन और परंपराओं से जुड़ाव का प्रतीक है। उनका मानना है कि आधुनिकता के दौर में बदलाव जरूरी है, लेकिन अपनी मिट्टी और परंपराओं से जुड़े रहना उससे कहीं अधिक महत्वपूर्ण है।
बंधु तिर्की ने कहा कि खेत-खलिहान से ही समृद्ध झारखंड के निर्माण का रास्ता निकलता है। यह मिट्टी और इसकी उपज ही हमारे जीवन का आधार है। इसके बिना मनुष्य का जीवित रहना असंभव है। उनकी यह सोच न केवल पारंपरिक खेती को बढ़ावा देती है, बल्कि युवा पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़े रखने का संदेश भी देती है।





