करोड़ों के फुटबॉल स्टेडियम निर्माण में अनियमितताओं का अंबार, विधायक भूषण बाड़ा ने गुणवत्ता पर उठाए सवाल, जांच पूरी होने तक भुगतान पर रोक का निर्देश

शंभू कुमार सिंह
झारखंड के सिमडेगा जिले में करोड़ों रुपये की लागत से बन रहे फुटबॉल स्टेडियम के निर्माण कार्य में गंभीर अनियमितताओं का खुलासा हुआ है। स्थानीय विधायक और कांग्रेस जिला अध्यक्ष भूषण बाड़ा ने मंगलवार को बाजारटांड़ स्थित नेताजी सुभाषचंद्र बोस स्टेडियम परिसर का दौरा किया और निर्माण की गुणवत्ता पर कड़े सवाल उठाते हुए गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि जांच पूरी होने तक किसी भी प्रकार का भुगतान न किया जाए।

करीब 13 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे इस स्टेडियम का निर्माण बिना किसी शिलान्यास के शुरू किया गया, जो सरकारी नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है। विधायक बाड़ा ने आरोप लगाया कि निर्माण स्थल पर न तो गुणवत्ता का ध्यान रखा जा रहा है और न ही तकनीकी मानकों का पालन हो रहा। उन्होंने कहा कि संवेदक कंपनी के कुछ स्थानीय तथाकथित नेताओं के दबाव में मनमाने ढंग से काम करने का भी इल्जाम लगाया गया। “यह जनता का पैसा है, किसी की निजी संपत्ति नहीं। पारदर्शिता और गुणवत्ता अनिवार्य हैं।

भूषण बाड़ा ने निर्माण में सुधार नहीं होने पर पूरे प्रोजेक्ट को रद्द करने और संवेदक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी। विभागीय अधिकारियों को तकनीकी जांच टीम गठित करने और हर ईंट-सरिया का हिसाब रखने के निर्देश दिए गए। विधायक ने जोर देकर कहा कि यह जिले का पहला फुटबॉल स्टेडियम सिमडेगा का गौरव बनेगा, जहां से युवा खिलाड़ी राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जिले का नाम रौशन करेंगे। उच्च गुणवत्ता वाला यह मैदान राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं का केंद्र बने, इसके लिए कोई कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

उन्होंने कहा यदि लापरवाही जारी रही तो स्वयं इस मुद्दे को मुख्यमंत्री के समक्ष रखेंगे। उन्होंने बताया कि विभागीय मंत्री को भी इसकी शिकायत की गई है और सुधार न होने पर संवेदक को ब्लैकलिस्ट कराने की चेतावनी दी।

यह पहली बार नहीं है जब विधायक भूषण बाड़ा ने इस प्रोजेक्ट पर सवाल उठाए हैं। हाल ही के विधानसभा सत्र में उन्होंने स्टेडियम निर्माण की निविदा प्रक्रिया को लेकर सरकार को घेरा था। एडवांस स्पोर्ट्स टेक्नोलॉजीज प्रा. लि. नामक कंपनी को निविदा गलत तरीके से आवंटित करने का आरोप लगाया गया। निविदा निरस्तरण में नियमों की अनदेखी कर एक ही कंपनी को अनुचित लाभ पहुंचाने का प्रयास किया गया। संवेदक का प्रस्तुत मॉडल काउंसिल ऑफ आर्किटेक्ट्स से अनुमोदित भी नहीं है, फिर भी ठेका दे दिया गया।
विधायक ने सरकार से निविदा रद्द करने, निष्पक्ष प्रक्रिया शुरू करने और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की थी। लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठा, जो चिंता का विषय है।

स्टेडियम निर्माण जिला खेल पदाधिकारी मनोज कुमार के कार्यालय के ठीक सामने हो रहा है, लेकिन वे पूरे मामले से अनभिज्ञ हैं। निर्माण स्थल पर शिलान्यास, संवेदक का नाम, विभागीय विवरण, स्वीकृत राशि या समयावधि से संबंधित कोई शिलापट्ट या बोर्ड नहीं लगाया गया, जबकि यह अनिवार्य है। पदाधिकारी ने स्पष्ट कहा कि वे इसकी जानकारी से वंचित हैं।








