बच्चियों को हुनरमंद बनाकर रोजगार से जोड़ेंगे : हेमन्त सोरेन.
Team Drishti.
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!रांची : गरीबी उम्र नहीं देखती। गरीब का जीवन जन्म से ही संघर्षशील होता है। इस क्रम में राज्य के सुदूरवर्ती क्षेत्र में निवास करने वाले बच्चे व बच्चियां मानव तस्करी का शिकार हो जाते हैं और देश के विभिन्न राज्यों में उन्हें काम पर लगा दिया जाता है। जहां उन्हें अपनी इच्छा के विपरीत कार्य करना पड़ता है। ऐसे में कई संस्थाओं व अन्य माध्यमों से बच्चियों पर नजर रखी जाती है। सरकार समय-समय पर ऐसी बच्चियों को रेस्क्यू भी करती है। इस कड़ी में राज्य की 45 बच्चियों की आज घर वापसी हुई है। ये बातें मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने दिल्ली से रेस्क्यू कर झारखण्ड लाईं गईं बच्चियों से मुलाकात के क्रम में कही।
बच्चियों को हुनरमंद बनाकर रोजगार से जोड़ेंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखण्ड की बच्चियां अन्य राज्य जाकर दाई व आया का काम करें। यह पीड़ादायक है। सरकार इसको लेकर चिंतित है। सरकार ने इसपर संज्ञान लिया है। राज्य की बच्चियों को नर्स का प्रशिक्षण प्रदान कर, उन्हें हुनरमंद बनाकर रोजगार से जोड़ा गया। उनके आर्थिक स्वावलंबन का मार्ग प्रशस्त हुआ। वे देश के बड़े अस्पतालों में बतौर नर्स मानव सेवा कर रहीं हैं। सरकार का यह संकल्प है कि मानव तस्करी की शिकार बच्चियों को हुनरमंद बनाकर रोजगार से जोड़ा जाएगा। मुख्यमंत्री ने बच्चियों को आश्वस्त किया कि उन्हें चिंतित होने की आवश्यकता नहीं। उनका बड़ा भाई राज्य की देखरेख में लगा है। झारखण्ड महिला सशक्तिकरण की दिशा में अग्रसर है।
वयस्क होने तक सभी बच्चियों को दो हजार रुपये प्रतिमाह, वयस्क को रोजगार से है जोड़ना
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन बच्चियों को आत्मनिर्भर बनाने के दिशा में कार्य होगा। बच्चियों की इच्छा के अनुरूप सरकार निर्णय लेगी। वयस्क होने तक सभी बच्चियों को प्रतिमाह दो हजार रुपये दिया जाएगा। वयस्क बच्चियों को रोजगार से जोड़ने का कार्य होगा। उनकी जिंदगी का नया सफर प्रारंभ होगा। इस प्रारंभ में सरकार सदैव बच्चियों के साथ है।
इस मौक़े पर सांसद श्री विजय हांसदा, विधायक श्री मथुरा महतो, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री राजीव अरुण एक्का, प्रधान सचिव श्री अविनाश कुमार, सचिव श्रीमती पूजा सिंघल, श्री डी.के सक्सेना व विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे।





