सिमडेगा: रामनवमी में निकलेगी भव्य शोभायात्रा ,शोभा यात्रा में महावीरी झंडा की संख्या बढ़ाने का हुआ निर्णय
सिमडेगा से नरेश
सिमडेगा में रामनवमी प्रबंधक समिति की बैठक महावीर मंदिर प्रांगण में आयोजित की गई । बैठक का मूल उद्देश्य इस वर्ष रामनवमी महोत्सव को भव्य और धूमधाम से मनाने की तैयारी करना था। बैठक की अध्यक्षता प्रदीप कुमार शर्मा ने की, और इसमें समिति के कई वरिष्ठ सदस्यों और पदाधिकारियों ने भाग लिया। इस बैठक में 6 दिनों तक चलने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की गई, जिसमें पारंपरिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का समावेश है। साथ ही, आयोजन को व्यवस्थित और आकर्षक बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए गए।
कार्यक्रम का विस्तृत विवरण:
25 मार्च: झंडा पूजन
समय: शाम 7 बजे
यह आयोजन महोत्सव की शुरुआत का प्रतीक होगा, जिसमें धार्मिक विधि-विधान के साथ झंडे का पूजन किया जाएगा। यह एक पारंपरिक अनुष्ठान है जो उत्सव की पवित्रता को दर्शाता है।
3 अप्रैल: वादन, अखाड़ा और गोहार गेम
इस दिन तीन अलग-अलग गतिविधियां होंगी:
वादन: पारंपरिक संगीत या वाद्य यंत्रों की प्रस्तुति, जिसके लिए न्यूनतम 3 मिनट का समय निर्धारित किया गया है।
अखाड़ा: शारीरिक कौशल और प्रदर्शन की प्रतियोगिता, जिसमें विभिन्न समूह भाग लेंगे।
गोहार गेम: एक स्थानीय खेल, जिसके लिए 10 मिनट की समय सीमा तय की गई है। यह खेल समुदाय के बीच रोमांच और उत्साह बढ़ाने का काम करेगा।
4 अप्रैल: शो-गेम
इस दिन विभिन्न प्रदर्शन और खेल आयोजित किए जाएंगे, जो दर्शकों के मनोरंजन के लिए होंगे। यह संभवतः पिछले दिन की गतिविधियों का विस्तार या एक अलग तरह का प्रदर्शन होगा।
5 अप्रैल: आकर्षक झांकियों का प्रदर्शन
इस दिन भगवान राम और उनकी कथा से संबंधित आकर्षक झांकियां प्रस्तुत की जाएंगी। ये झांकियां धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाने के साथ-साथ दर्शकों को आकर्षित करने का काम करेंगी।
6 अप्रैल: भव्य शोभायात्रा
महोत्सव का मुख्य आकर्षण होगी यह शोभायात्रा, जिसमें महावीरी ध्वज की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। प्रत्येक अखाड़ा से एक बड़े झंडे के अलावा 5 अतिरिक्त झंडे (10-15 फीट ऊंचे) सजाकर जुलूस में शामिल किए जाएंगे। यह शोभायात्रा भव्यता और एकता का प्रतीक होगी।
12 अप्रैल: हनुमान जयंती के साथ समापन
रामनवमी महोत्सव का समापन हनुमान जयंती के अवसर पर होगा, जो भगवान हनुमान के प्रति श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है। यह दिन पूरे आयोजन को एक धार्मिक और उत्सवी नोट पर समाप्त करेगा।
अन्य महत्वपूर्ण निर्णय और नियम:
अखाड़ा नियम: समिति के पदाधिकारियों को अखाड़ा प्रतियोगिताओं में भाग लेने से प्रतिबंधित किया गया है, ताकि निष्पक्षता बनी रहे।
झंडों की व्यवस्था: शोभायात्रा को और भव्य बनाने के लिए प्रत्येक अखाड़ा से अतिरिक्त झंडों की व्यवस्था की जाएगी।
आय-व्यय का ब्यौरा:
कोषाध्यक्ष मुकेश कुमार बर्णवाल ने पिछले वर्ष (2024) के रामनवमी आयोजन और अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण की पहली वर्षगांठ के कार्यक्रमों का वित्तीय विवरण प्रस्तुत किया। इससे समिति की पारदर्शिता और जवाबदेही झलकती है।
उपस्थित सदस्य:
बैठक में संरक्षक डीडी सिंह, श्याम लाल शर्मा, संजय ठाकुर, अध्यक्ष प्रदीप शर्मा, सचिव संजय शर्मा, उपसचिव नवीन सिंह, दीपक अग्रवाल, उपाध्यक्ष हरि सिंह, दीपक पुरी, अनुप केशरी, कोषाध्यक्ष मुकेश कुमार बर्णवाल, अर्जुन केसरी, रवि चौधरी, सुमित गुप्ता, ऋषि बोंदिया, विष्णु शर्मा सहित कई अन्य लोग मौजूद थे। इन सभी ने मिलकर आयोजन की सफलता के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई।
अध्यक्ष की अपील:
प्रदीप शर्मा ने सभी अखाड़ा समितियों और सदस्यों से इस आयोजन को सफल बनाने के लिए सहयोग और सक्रिय भागीदारी की अपील की। उनका मानना है कि सामूहिक प्रयास से यह महोत्सव सिमडेगा में एक यादगार घटना बन जाएगा।
यह आयोजन न केवल धार्मिक उत्साह को बढ़ावा देगा, बल्कि स्थानीय समुदाय को एकजुट करने और सांस्कृतिक परंपराओं को जीवंत रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।