राजभवन का नाम बदलकर ‘लोक भवन’ करने के पीएम मोदी के निर्णय की बाबूलाल मरांडी ने की भूरी-भूरी प्रशंसा
रांची : भाजपा झारखंड प्रदेश अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सरकारी भवनों एवं स्थानों के नाम बदलकर उन्हें जनता के करीब लाने की पहल की जमकर तारीफ की है। विशेष रूप से राजभवन का नाम बदलकर ‘लोक भवन’ करने के निर्णय पर श्री मरांडी ने प्रधानमंत्री जी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी और झारखंड में इसे अविलंब लागू करने की मांग की।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!बाबूलाल मरांडी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्ता के शासकीय बोध को पूरी तरह हटाकर उसे लोक सेवा का माध्यम बनाने का जो सतत प्रयास किया है, वह अभूतपूर्व है। उन्होंने कहा, “नाम के शब्दों से भावनात्मक लगाव बढ़ता है। ये नाम परिवर्तन केवल शब्दों का बदलाव नहीं, बल्कि मोदी सरकार की नीति और नीयत का स्पष्ट प्रतिबिंब हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि चाहे मंत्रियों व वरिष्ठ अधिकारियों की गाड़ियों से लाल-पीली बत्ती हटाना हो, राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ करना हो, प्रधानमंत्री आवास को लोक कल्याण मार्ग बनाना हो, केंद्रीय सचिवालय को कर्तव्य भवन, राजभवन को लोक भवन और प्रधानमंत्री कार्यालय को ‘सेवा तीर्थ’ नाम देना हो ये सभी निर्णय भारतीय लोकतंत्र को और मजबूत बनाते हैं।
बाबूलाल मरांडी ने याद दिलाया कि स्वयं प्रधानमंत्री ने खुद को ‘प्रधानमंत्री’ की बजाय ‘प्रधान सेवक’ कहलाना पसंद किया है। इसके साथ ही ‘विकलांग’ शब्द को हटाकर ‘दिव्यांग’ शब्द अपनाना भी यह दर्शाता है कि प्रधानमंत्री जी देश के हर नागरिक की भावनाओं से कितनी गहरी जुड़ाव रखते हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि ये सभी कदम यह संदेश देते हैं कि अब सत्ता जनता की सेविका है, शासिका नहीं। झारखंड में भी राजभवन का नाम शीघ्र ‘लोक भवन’ किया जाना चाहिए ताकि जनता और सत्ता के बीच का भावनात्मक अंतर और कम हो।







