BJP ने सर्वदलीय बैठक से बनाई दूरी।
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झारखंड विधानसभा में विधानसभा अध्यक्ष रबीन्द्र नाथ महतो की अध्यक्षता में आयोजित विधायक दल के नेताओं की बैठक में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन शामिल हुए। आगामी 19 दिसंबर से 23 दिसंबर तक आयोजित होने वाले शीतकालीन सत्र के सुचारू रूप से संचालित होने के लिए विचार-विमर्श किया गया। हालांकि इस बैठक से प्रमुख विपक्षी दल भाजपा ने दूरी बना कर रखी। किन वजहों से भाजपा इसमें शामिल नहीं हुई। इसकी भी जानकारी नहीं दी गई है। वही सदन की कार्यवाही के दौरान लगातार प्रमुख विपक्षी दल की हूटिंग से सत्र बाधित होने के मामले पर मुख्यमंत्री ने तंज कसते हुए कहा कि लगता है उन्होंने इसकी कसम खा ली है।
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वहीं वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने शीतकालीन सत्र को लेकर पूरी तैयारी की बात कही है। उन्होंने कहा कि जिस तरह परीक्षा से पहले तैयारी की जाती है। उसी तरह से तैयारी पूरी है। साथ ही भाजपा के इस बैठक से दूरी बनाने के मामले पर कहा कि उन्हें भी आना चाहिए था। क्योंकि विपक्ष की भूमिका अहम होती है। इसके साथ ही नियोजन नीति रद्द किए जाने के मामले को लेकर भाकपा माले विधायक विनोद सिंह ने कहा कि 1 साल पहले शीतकालीन सत्र में उन्होंने पंचायत सचिव और नियोजन नीति का मामला उठाया था। ऐसे में सरकार को वर्तमान में आए फैसले से सबक लेना चाहिए।
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झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आगाज 19 दिसंबर को होगा, जो 23 दिसंबर तक चलेगा। 23 दिसंबर तक चलने वाले इस सत्र में पहले दिन शपथ ग्रहण या शोक प्रकाश(अगर दोनों में से कोई हो तो) रखा जाना है। इसके अलावा राज्यपाल द्वारा प्रख्यापित अध्यादेशों की प्रमाणीकृत प्रति सदन के पटल पर रखी जाएगी। दूसरे दिन यानि 20 दिसंबर को प्रश्नकाल होगा। साथ ही वित्तीय वर्ष 2022-23 के द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरणी का उपस्थापन होगा। इस विवरणी पर 21 दिसंबर को वाद-विवाद, सामान्य मतदान होगा। प्रश्नकाल भी इस दिन होना है। 22 दिसंबर को प्रश्नकाल के अलावा राजकीय विधेयक और अन्य राजकीय कार्य होंगे। 23 दिसंबर को भी 22 दिसंबर की तरह सत्र संचालन होगा। साथ ही गैर सरकारी सदस्यों का कार्य (गैर-सरकारी संकल्प) निर्धारित किया गया है।