BJP: प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को लेकर झारखंड सरकार के मुख्यमंत्री सचिवालय ने जारी किया भ्रामक प्रेस विज्ञप्ति, भाजपा ने जताया विरोध, दोषी अफसरों पर कार्रवाई की माँग
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BJP: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड स्थापना दिवस और धरती आबा बिरसा मुंडा की जयंती के मौके पर खूंटी में विराट जनसभा को संबोधित किया और झारखंड सहित देश के जनजातीय आबादी के हितार्थ कई महत्वपूर्ण योजनाओं की आधारशिला रखी गई. सरकारी कार्यक्रम होने के कारण मंच पर सूबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी साथ दिखें और उन्हें भी कार्यक्रम को संबोधित करने का अवसर मिला.
कार्यक्रम के समापन के उपरांत मुख्यमंत्री सचिवालय द्वारा सीएम हेमंत के बयान में कुछ ऐसे अंश जोड़कर प्रेस विज्ञप्ति जारी किया है जो मंच से सीएम ने अपने संबोधन में उल्लेख किया तक नहीं. झारखंड सरकार के पीआरडी विभाग (सीएमओ) द्वारा जारी विज्ञप्ति में जिक्र है कि सीएम ने प्रधानमंत्री के समक्ष आदिवासी धर्म कोड के आशय में माँग को दुहराया. जबकि मुख्य विपक्षी दल भाजपा का दावा है कि सार्वजनिक मंच से मुख्यमंत्री ने ऐसा कोई आग्रह नहीं किया है.
भारतीय जनता पार्टी ने इस मामले को उच्च श्रेणि का षड्यंत्र बताते हुए राज्य सरकार पर जुबानी हमला बोला है. भाजपा प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाडंगी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से इस मामले में स्थिति स्पष्ट करने की माँग करते हुए कहा है कि सीएम को प्रधानमंत्री की सभा में अपने भाषण का वो अंश सार्वजनिक करनी चाहिए जिसमें उन्होंने आदिवासी धर्म कोड की माँग रखी है.
उन्होंने कहा कि भाजपा पहले भी कहती रही है कि राज्य के अधिकारी हेमंत सरकार के टूल्स बने हुए हैं,जिसका ताजा उदाहरण विज्ञप्ति है।
कहा कि जनजातीय आबादी झामुमो गठबंधन के छल और झूठ को पहचान चुकी है और पूरी तरह से 2024 में सत्ता से उखाड़ फेंकने को संकल्पबद्ध है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी के कार्यक्रम में आदिवासी समाज की जबरदस्त भीड़ इस ओर साफ़ संकेत कर रही है. कुणाल षाडंगी ने माँग किया है कि मुख्यमंत्री सचिवालय अपने जारी किये गये विज्ञप्ति के संदर्भ में खंडन जारी करे और दोषी अफसरों पर विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित की जाये.





