चैती छठ महापर्व आज, अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देंगे व्रती, करेंगे सुख-समृद्धि की कामना।
चैती छठ महापर्व आज, अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देंगे व्रती, करेंगे सुख-समृद्धि की कामना।

सूर्य की उपासना कर व्रती करेंगे सुख-शांति की कामना।
केवल छठ में होती है डूबते सूर्य की उपासना।
हिंदू धर्म में चैती छठ पर्व का विशेष महत्व।
रांची: चैती छठ महापर्व का आज तीसरा दिन है… ऐसे में कहे तो चार दिवसीय महापर्व छठ का आज तीसरा दिन और पहला अर्घ्य है….यह चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है…. इस दिन व्रती अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देते हैं…. आज सूर्योदय 05 बजकर 39 मिनट पर हुआ. वहीं सूर्यास्त का समय शाम 06 बजकर 05 मिनट पर है…..
पहले अर्घ्य के दिन अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है.. वही व्रती दिन भर निर्जला व्रत रखते हैं और शाम में किसी तालाब, नदी या जलकुंभ में जाकर सूर्य की उपासना करते हैं…. इसके बाद डूबते हुए सूर्य को दूध और पानी से अर्घ्य देते हैं…..
वही चौथे दिन (4 अप्रैल) को उदीयमान सूर्यदेव को अर्घ्य दिया जायेगा. इस दिन सूर्योदय 05 बजकर 38 मिनट पर होगा…. इसके बाद व्रती के पारण के साथ चार दिवसीय महापर्व छठ का समापन होगा….