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सड़क के ऊपर नाला निर्माण से जनता में आक्रोश, क्या CM हेमंत सोरेन के फ्लाईओवर उद्घाटन के बाद L&T के अधिकारी जैसे तैसे काम करके निकल जाना चाहते है ? 

Exclusive : सड़क के ऊपर नाला निर्माण से जनता में आक्रोश, क्या cm हेमंत सोरेन के फ्लाईओवर उद्घाटन के बाद L&T के अधिकारी जैसे तैसे काम करके निकल जाना चाहते है ?

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रांची के नवनिर्मित  सिरामटोली फ्लाईओवर जिसे खुद राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने हांथो से उद्घाटन किया ।  उसकी दुर्दशा करने की तैयारी कॉन्ट्रेक्टर और बिजली शिफ्टिंग कॉन्ट्रेक्टर के अधिकारियों के द्वारा चल रही है । दरअसल शहर के  नवनिर्मित फ्लाईओवर के नीचे सड़क पर ही नाला बनाया जा रहा है, जिससे आम जनता को भारी असुविधा का सामना करना पड़ेगा ।  यह निर्माण कार्य न केवल यातायात में बाधा उत्पन्न करेगा , बल्कि नगर नियोजन और इंजीनियरिंग मानकों की भी खुली अवहेलना कर रहा है। इस नाला का Slope भी सही नही बन रहा जिसकी वजह से हमेशा पानी जमा रहेगा और बीमारी का घर होगा । दूसरी तरफ बरसात के मौसम में सुजाता चौक की तरफ से आने वाला पानी के निकासी की कोई व्यवस्था नही है जिससे बरसात में यहां इतना पानी जमा हो सकता है जिससे भविष्य में पुल को खतरा हो सकता है।

सामान्यतः नालियों का निर्माण सड़क के किनारे किया जाता है ताकि वर्षा जल का बहाव सुगम रूप से हो सके। लेकिन इस मामले में नाले को सड़क के ठीक बीचों-बीच बनाया जा रहा है, जिससे वाहन चालकों के लिए रास्ता संकरा हो गया है और दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ जाएगी ।

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स्थानीय दुकानदार ने बताया, “बुनियादी समझ की इतनी बड़ी गलती हैरान करने वाली है। एम्बुलेंस और दोपहिया वाहन बड़ी मुश्किल से निकल  पाएंगे। यह विकास नहीं, अव्यवस्था की कहानी लिखी जा रही है।

स्थिति और भी गंभीर हो जाएगी जब निर्माणाधीन नाले में गंदा पानी जमा हो  जाएगा, जिससे मच्छरों के पनपने का खतरा है। साथ ही बिजली के खुले तार जो किसी भी समय बड़ी दुर्घटना को जन्म दे सकता है।

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सिविल इंजीनियरों  और  विशेषज्ञों ने भी इस निर्माण पर  हैरानी जताई है।  उनका कहना है, “नाले का निर्माण कभी भी सड़क के मध्य में नहीं होना चाहिए। यह न केवल यातायात को बाधित करता है बल्कि जल निकासी व्यवस्था को भी प्रभावित करता है।”

जानकारी के मुताबिक बिजली के पोल शिफ्टिंग का काम वही रवि सिन्हा कर रहे हैं जो पिछले दिनों एक्सक्यूटिव इंजीनियर के  फर्जी सिग्नेचर के द्वारा पैसे के निकासी के मामले में फंसे थे

नागरिकों ने इस निर्माण कार्य को तुरंत ठीक करने और निर्माणक  समीक्षा करने की मांग की है। लोगों का कहना है कि यह सार्वजनिक धन का दुरुपयोग है और इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय की जानी चाहिए।

अब देखना होगा कि प्रशासन कब तक इस गंभीर मुद्दे पर संज्ञान लेता है और आवश्यक कदम उठाता है।

 

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