झारखंड में डीएमएफटी फंड घोटाला: बोकारो से आगे धनबाद-कोडरमा में भी फैला भ्रष्टाचार का जाल, बाबूलाल मरांडी का हेमंत सरकार पर हमला

रांची : भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने झारखंड सरकार पर डीएमएफटी (जिला खनिज फंड ट्रस्ट) फंड के दुरुपयोग को लेकर तीखा प्रहार किया है। उन्होंने दावा किया है कि बोकारो में उजागर हुए घोटाले के बाद अब धनबाद और कोडरमा में भी इसी तरह के भ्रष्टाचार के नए मामले सामने आ रहे हैं, जो पूरे राज्य में फैले हुए हैं। मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।

बाबूलाल मरांडी ने कहा, “मैंने पहले भी स्पष्ट कर दिया था कि बोकारो का मामला तो सिर्फ एक झलक मात्र है। असल में यह भ्रष्टाचार झारखंड के हर कोने में व्याप्त है। अब कोडरमा और धनबाद से भी डीएमएफटी फंड की लूट के ठोस प्रमाण सामने आ रहे हैं।” उन्होंने हेमंत सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि आमतौर पर आईएएस अधिकारी एक जिले से दूसरे में अनुभव लेकर जाते हैं, लेकिन इस सरकार में वे अपने पुराने दलालों और ठेकेदार साझेदारों को भी साथ ले जाते हैं।

बाबूलाल मरांडी ने कोडरमा के पूर्व डीसी आदित्य रंजन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके कार्यकाल (2022-24) के दौरान डीएमएफटी फंड से “स्किल डेवलपमेंट” के नाम पर एमईपीएससी (मिनरल एरिया डेवलपमेंट एजेंसी) और तितली फाउंडेशन के साथ मिलीभगत से जमकर लूट हुई। अब धनबाद के डीसी बनने के बाद वही सिलसिला दोबारा शुरू हो गया है। उन्होंने खुलासा किया, “एमईपीएससी और तितली फाउंडेशन के साथ सांठगांठ कर फंड की लूट मचाई जा रही है। टेंडर की शर्तों (टर्म्स एंड कंडीशंस) में चालाकी से बदलाव कर मनचाही कंपनियों को फायदा पहुंचाया जा रहा है।”

धनबाद के संदर्भ में बाबूलाल मरांडी ने कहा कि डीएमएफटी फंड से जुड़े सभी चल रहे टेंडरों को तत्काल रोका जाए और निष्पक्ष जांच सुनिश्चित की जाए। उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील की, “कोडरमा में 2022-24 के दौरान डीएमएफटी फंड के उपयोग की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए। साथ ही, आदित्य रंजन और प्रांजल मोदी के बीच के संबंधों की भी गहन पड़ताल हो।”








