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चुनाव आयोग ने खारिज किए राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ के आरोप, कहा- 2018 में भी कांग्रेस ने लगाए थे ऐसे ही आरोप

नई दिल्ली : चुनाव आयोग ने कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ के आरोपों को खारिज करते हुए इसे “पुराना और आधारहीन” करार दिया है। आयोग ने कहा कि राहुल गांधी ने कर्नाटक के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में 2024 लोकसभा चुनावों के दौरान 1,00,250 फर्जी वोटों के दावे किए, जो 2018 में तत्कालीन मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ द्वारा लगाए गए आरोपों की “पुनरावृत्ति” मात्र हैं। उस समय सुप्रीम कोर्ट ने इन दावों को खारिज कर दिया था।

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राहुल गांधी के आरोप

राहुल गांधी ने गुरुवार को नई दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कर्नाटक के बेंगलुरु सेंट्रल लोकसभा क्षेत्र के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर मतदाता सूची में धांधली का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि 6.5 लाख मतदाताओं वाले इस क्षेत्र में 1,00,250 वोट “चुराए” गए, जिसमें 11,965 डुप्लिकेट मतदाता, 40,009 फर्जी या अवैध पते, 10,452 एक ही पते पर कई मतदाता, 4,132 अवैध फोटो और 33,692 फॉर्म-6 का दुरुपयोग शामिल हैं। गांधी ने इसे “संवैधानिक अपराध” करार देते हुए चुनाव आयोग और बीजेपी पर मिलीभगत का आरोप लगाया।

चुनाव आयोग का जवाब

चुनाव आयोग ने राहुल के आरोपों को “निराधार” और “भ्रामक” बताते हुए कहा कि यह 2018 में कमल नाथ द्वारा मध्य प्रदेश में मतदाता सूची में गड़बड़ी के दावों जैसा ही है। आयोग ने उदाहरण देते हुए कहा कि राहुल द्वारा उल्लिखित आदित्य श्रीवास्तव का मामला, जिसमें एक मतदाता का नाम तीन राज्यों में होने का दावा किया गया, कई महीने पहले ठीक किया जा चुका था। आयोग ने राहुल से मांग की कि वे अपने दावों को शपथपत्र के साथ औपचारिक रूप से दर्ज करें या राष्ट्र से माफी मांगें।

कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने राहुल गांधी को पत्र लिखकर कहा कि मतदाता सूची पारदर्शी तरीके से तैयार की जाती है और यदि उनके पास सबूत हैं, तो वे नियम 20(3)(b) के तहत शपथपत्र के साथ नामों की सूची जमा करें। आयोग ने यह भी कहा कि राहुल ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में “धांधली” के अपने पहले के दावों पर जून में भेजे गए पत्र का जवाब नहीं दिया।

2018 का कमल नाथ मामला

चुनाव आयोग ने बताया कि 2018 में कमल नाथ ने मध्य प्रदेश में मतदाता सूची में गड़बड़ियों का दावा करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें 36 मतदाताओं के दोहरे पंजीकरण का आरोप लगाया गया था। कोर्ट ने इन दावों को खारिज कर दिया था और मशीन-पठनीय मतदाता सूची की मांग को भी अस्वीकार किया था। आयोग ने कहा कि राहुल गांधी उसी “पुराने स्क्रिप्ट” को दोहरा रहे हैं।

बीजेपी ने राहुल के आरोपों को “निराधार” और “चुनावी हताशा” का परिणाम बताया। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि कांग्रेस संवैधानिक संस्थानों पर हमला कर रही है और राहुल गांधी “सत्ता खोने की पीड़ा” में बेकाबू हो गए हैं। बीजेपी सांसद संबित पात्रा ने कहा कि जब कांग्रेस 2024 के लोकसभा चुनाव में 99 सीटें जीती, तब उसने आयोग की तारीफ की थी, लेकिन हारने पर वह इसे पक्षपाती बता रही है।

कांग्रेस ने जवाब में कहा कि राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में सबूत पेश किए और आयोग को चाहिए कि वह इनका जवाब दे, न कि “हिचकिचाहट” दिखाए। पार्टी ने आयोग से इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन सूची और सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध कराने की मांग की है।

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