किसानों का मजाक उड़ाना हेमंत सरकार के डीएनए में है शामिल : आदित्य साहू.
राँची : हेमंत सरकार के कैबिनेट की बैठक में किसानों के धान बर्बादी के मुद्दे पर मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के हंसते हुए जवाब देने को लेकर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री आदित्य साहू ने इसकी घोर निंदा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी किसानों के पक्ष में कुछ कर नहीं सकते तो कमसेकम उनका उपहास न उड़ाएं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के किसान तिल तिल कर मरने को मजबूर हैं। किसानों के धान बिक नहीं रहे हैं। फसल सड़ रहा है। किसानों द्वारा विक्रय किए गए धान का भुगतान करने के बजाए सरकार किसानों का मजाक उड़ा रही है यह दुर्भाग्य जनक है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री महोदय खुद वीडियो में हंसते हुए कहते दिख रहे हैं कि हमने भी खेती की है हमारे यहां भी फसल बिक नहीं रहा है। लोग फसल बांट रहे हैं हमारी स्थिति और भी खराब है। इस पर उन्होंने कहा कि सरकार के इस कथन से स्पष्ट होता है कि सरकार किसानों के हालात को जानते हुए भी मरणासन्न पर छोड़ रखा है।
उन्होंने कहा कि यह उन किसानों के साथ मजाक है जिनका फसल बिक नहीं रहा। राज्य के मुखिया किसानों की बेबसी पर हंसी उड़ा रहे हैं। यह किसानों के साथ धोखा है। उन्होंने कहा कि इसी वीडियो में कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने भी माना है कि किसानों के धान बारिश में भीग रहा है। इस पर मुख्यमंत्री जी एफसीआई को बायकाट करने के फैसले पर गलती को स्वीकार भी करते हैं लेकिन सवाल उठता है कि जब चिड़िया चुग गई खेत तो होत क्या?
उन्होंने कहा कि अब उन किसानों का क्या होगा जिनका फसल सड़ गया बर्बाद हो गया। उन्होंने कहा कि किसानों का मजाक उड़ाना कांग्रेस और झामुमो के डीएनए में है। यह सरकार कैमरे के आगे और मीडिया के सामने किसानों के हमदर्द और बंद कमरे में उन्ही किसानों का उपवास उड़ाने का काम करती है। उन्होंने कहा हेमंत सरकार ने यदि सबसे ज्यादा किसी को ठगा है तो वह है किसान। किसानों को बड़े-बड़े वादे व सपने दिखला कर उनका सौदा कर लिया।






