दल बदल मामला : बाबूलाल मरांडी के मामले High court में सुनवाई हुई जिरह के बाद क्या हुआ जाने
High court
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!झारखण्ड के राजनीति में सभ कुछ अभी दिमाग से परे चल रहा है। सत्ता पक्ष और विपक्ष सतरंज की बिसाद बिछाये हुए है और सह और मात का खेल चल रहा है। खैर इस बात से आपको बाद में रूबरू कराएँगे की कैसे झारखण्ड में पक्ष और विपक्ष एक दूसरे को मात देने में लगे हुए है। ताजा मामला आपको बताते है।
दल बदल कानून के तहत विधानसभा में चल रहे मामले में बाबूलाल मरांडी द्वारा है कोर्ट को दिए गए अर्जी में आज झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान विधानसभा की ओर से उपस्थित वरीय अधिवक्ता संजय हेगड़े ने अदालत में बाबूलाल की याचिका की मेंटिबिलिटी पर सवाल उठाते हुए याचिका को सुनवाई योग्य नहीं बताया, जिसपर बाबूलाल के अधिवक्ता ने विधानसभा में हो रही सुनवाई की मेंटिबिलिटी पर सवाल उठाया। इसके साथ ही प्रार्थी के अधिवक्ता ने यह भी दलील दी कि यह 10वीं अनुसूची का मामला नहीं बनता है।
सोरेन परिवार की काली संपत्ति मुम्बई से लेकर दिल्ली तक : बाबूलाल मरांडी ( babulal marandi)
दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 22 सितंबर की तिथि निर्धारित की है। बाबूलाल के अधिवक्ता की ओर से IA दाखिल करने के लिए समय देने का आग्रह किया गया। जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर किया है। बाबूलाल मरांडी की ओर से वरीय अधिवक्ता विजय प्रताप सिंह, अभय मिश्रा, विनोद साहू, रणेंद्र आनंद और आकाशदीप ने पक्ष रखा। हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस राजेश शंकर की कोर्ट में बाबूलाल के मामले की सुनवाई हुई।
झारखंड हाई कोर्ट कल लेगा दिव्यांग लड़की पर फैसला, जिसके साथ दो बार बलात्कार हुआ, गर्भवती हुई
बता दें कि बाबूलाल की ओर से दाखिल रिट याचिका में कहा गया है कि दलबदल मामले में झारखंड विधानसभा के स्पीकर के कोर्ट में नियमानुसार सुनवाई नहीं हुई है। न्यायाधिकरण ने उनकी गवाही और बहस सुने बिना ही केस को जजमेंट पर रख दिया है। बाबूलाल मरांडी से जुड़े दल बदल के मामले में विधानसभा के न्याधिकरण में 30 अगस्त को सुनवाई पूरी हो गई है। बाबूलाल मरांडी की ओर से पक्ष रखने वाले अधिवक्ताओं का कहना है कि स्पीकर पक्षपात पूर्ण रवैया अपना रहे हैं। न्यायाधिकरण में सुनवाई समाप्त होने के बाद स्पीकर कभी भी अपना फैसला सुना सकते हैं। झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 में बाबूलाल मरांडी ने झाविमो के टिकट पर चुनाव जीता था। बाद में उन्होंने पार्टी का विलय भाजपा में कर दिया था। इस मामले में स्पीकर दल-बदल कानून के तहत सुनवाई कर रहे हैं।





