भारतीय वायुसेना का 93वां स्थापना दिवस: हिंडन एयरबेस पर भव्य समारोह, ऑपरेशन सिंदूर की उपलब्धियों पर जोर

भारतीय वायुसेना (आईएएफ) आज अपना 93वां स्थापना दिवस मना रही है। 1932 में स्थापित यह बल आज देश की आकाशीय सुरक्षा का मजबूत स्तंभ बन चुका है। इस वर्ष का समारोह उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थित हिंडन एयरफोर्स स्टेशन पर आयोजित हो रहा है, जहां राफेल, सुखोई-30एमकेआई, अपाचे गार्डियन, सी-17 ग्लोबमास्टर और तेजस जैसे अत्याधुनिक विमानों का शानदार फ्लाईपास्ट और स्थिर प्रदर्शन देखने को मिलेगा।

समारोह की मुख्य थीम इस वर्ष ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर केंद्रित है, जो अप्रैल 2025 में पहलगाम हमले के जवाब में पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों पर आईएएफ की सटीक कार्रवाई का प्रतीक है। एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इस ऑपरेशन में आईएएफ ने पाकिस्तान के 12-13 लड़ाकू विमान, जिनमें एफ-16 और जेएफ-17 शामिल हैं, साथ ही एक सी-130 परिवहन विमान और दो जासूसी विमानों को नष्ट किया। यह कार्रवाई न केवल दुश्मन को पीछे हटने पर मजबूर करने वाली थी, बल्कि आईएएफ की सटीकता और तत्परता का जीता-जागता प्रमाण भी है।

8 अक्टूबर 1932 को ब्रिटिश शासन के तहत ‘रॉयल इंडियन एयर फोर्स’ के रूप में स्थापित आईएएफ ने 1947 में स्वतंत्र भारत की सेवा शुरू की। पहली उड़ान 1 अप्रैल 1933 को भरी गई थी। 93 वर्षों में इस बल ने द्वितीय विश्व युद्ध, भारत-पाक युद्ध, कारगिल संघर्ष और मानवीय सहायता मिशनों जैसे कि आपदा राहत कार्यों में अपनी वीरता का परिचय दिया है। इस वर्ष समारोह में आईएएफ की अंतरिक्ष यात्रा में भूमिका भी रेखांकित की जाएगी, जिसमें ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का 2025 में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) पर पहुंचना ऐतिहासिक मील का पत्थर है।

एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने राष्ट्र को संदेश देते हुए कहा, “भारतीय वायुसेना अटल, अभेद्य और सटीक है। हमारी सीमाओं की रक्षा ही नहीं, बल्कि मानवता की सेवा भी हमारा धर्म है।” समारोह में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति की उम्मीद है।

आईएएफ तेजी से स्वदेशीकरण की ओर अग्रसर है। इस समारोह में स्वदेशी हथियार प्रणालियों और उन्नत तकनीकों का प्रदर्शन होगा, जो ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान को मजबूत करता है। साथ ही, अंतरराष्ट्रीय सहयोग जैसे क्वाड और अन्य मंचों पर आईएएफ की भूमिका पर प्रकाश डाला जाएगा।









