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जनसंख्या पर कठोर नियंत्रण से आत्मनिर्भर होकर भारत बनेगा विकसित राष्ट्र.

Team Drishti,

रांची : जनसंख्या समाधान फाउन्डेशन की झारखंड प्रदेश महिला विंग द्वारा आयोजित आनलाईन बैठक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य और संगठन के मुख्य संरक्षक डा. इन्द्रेश कुमार जी ने आज रविवार को संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अनिल चौधरी जी की फेसबुक के माध्यम से आयोजित आनलाईन बैठक के द्वारा देशभर के 22 राज्यों के हजारों कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि देश में बेरोजगारी, गरीबी, भुखमरी और कुपोषण का मुख्य कारण बेतहाशा बढती जनसंख्या है. उन्होंने सुझाया कि जनसंख्या विस्फोट की इस समस्या के समाधान के लिए देश के सभी नागरिकों के लिए जाति, धर्म, क्षेत्र और भाषा से ऊपर उठकर समान रूप से जनसंख्या कानून लागू होना आवश्यक है. उन्होनें कहा कि कोरोना महामारी ने सिद्ध किया है कि भारत के सामने इतनी भारी जनसंख्या एक भीषण चुनौती साबित हुई है. भारत विश्व की लगभग 18% जनसंख्या का भार वहन कर रहा है, जबकि आबादी के अनुपात में उसका भूभाग बहुत कम यानि लगभग 2.4 % और जल 4% है.

जनसंख्या समाधान फाउन्डेशन के सभी कार्यकर्ताओं का उत्साहवर्धन करते हुए इन्द्रेश कुमार ने कहा कि महामारी के समय 11 जुलाई विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर देशभर के 162 जिला मुख्यालयों के कार्यकर्ताओं ने संबंधित जिलाधिकारियों के माध्यम से प्रधानमंत्री जी को जनसंख्या विषय ज्ञापन भेजा गया है, वह सराहनीय है. उसके बाद देश के प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, कानून मंत्री और राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा जी को 140 जिलों से सीधे पत्र लिखे जाने पर उन्होंने जम्मू, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, आसाम, त्रिपुरा, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना, कर्नाटक तथा सुदूर केरल के सभी कार्यकर्ताओं को बधाई दी.

इन्द्रेश कुमार ने कहा कि चीन और पाकिस्तान की विस्तारवादी सोच के द्वारा उत्पन्न संकट का समाधान समस्त नागरिकों की एकजुटता और दृढता है. पूरा देश सेना के साथ खड़ा है और किसी भी खतरे का सामना करने में भारत की सेना सक्षम है. वहीं उन्होंने कहा कि कहा कि मजहबवाद और जातिवाद की गहराती जड़ें देश के लिए खतरनाक हैं. भारत को अखंड भारत बनना है और हिन्दू संस्कृति को विश्व को मार्ग बनाना है तो धर्मवाद और जातिवाद से ऊपर उठना होगा. कण कण में श्रीराम को खोजने वाली संस्कृति को आपस में वैमनस्य समाप्त करना होगा.

उन्होनें कहा कि जनसंख्या विषय पर जन जागरण हेतु  22 दिसम्बर से शुरू हुआ जो अखिल प्रवास महामारी के कारण 22 मार्च को रूक गया था, कोरोना संकट के बाद पूरे देशभर में टीम जायेंगी और इसी क्रम में देश के लगभग सभी राज्यो के सैकड़ो जिलों में सभाएं आयोजित की जायेंगी, जिनमें से कुछ में वह स्वंय भी उपस्थित रहेगे. उन्होनें कहा मुझे विश्वास है कि सरकार जल्द ही इसपर कानून लाएगी.

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