“भारत द्वारा JF-17, F-16 और AWACS मार गिराने से पाकिस्तान को झटका, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उथल-पुथल” आइये जानते है इसकी विशेषता
भारत द्वारा JF-17, F-16 और AWACS मार गिराने से पाकिस्तान को झटका, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उथल-पुथल” आइये जानते है इसकी विशेषता
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डेस्क : पाकिस्तान ने भारत पर कल मिसाइल और ड्रोन से हमला किया । इस हमले में दर्जनों मिसाइल एक साथ यूनिवर्सिटी , एयरपोर्ट जैसे पब्लिक प्लेस को टारगेट करते हुए छोड़ा गया। लेकिन भारत ने सभी हमले को नाकाम कर दिया । इसके साथ ही पाकिस्तान के लड़ाकू विमान JF-17 और F-16 को मार गिराया फिर जब भारत ने जवाबी कार्यवाही पाकिस्तान पर की तो पाकिस्तान के हवाई निगरानी और नियंत्रण प्रणाली AWACS यानी (Airborne Warning and Control System) को नष्ट कर दिया । आज हम जानेंगे की इनदोनो लड़ाकू विमान और एयर डिफेंस सिस्टम को नष्ट करने से अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्या असर होगा। किसको फायदा और किसको नुकसान होगा । आइए जानते है…..
AWACS:
AWACS एक हवाई निगरानी और नियंत्रण प्रणाली है, जो युद्ध क्षेत्र में विमानों को निर्देशित करने और दुश्मन की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए उपयोग की जाती है। भारत ने पाकिस्तान के एक AWACS को पंजाब प्रांत में मार गिराया, जो पाकिस्तान के लिए बड़ा नुकसान माना जा रहा है, क्योंकि उनके पास सीमित संख्या में AWACS हैं।

JF-17:
JF-17 (जॉइंट फाइटर-17) एक चौथी पीढ़ी का हल्का, एकल इंजन वाला मल्टीरोल लड़ाकू विमान है, जिसे पाकिस्तान और चीन ने संयुक्त रूप से विकसित किया है। यह विमान हवाई युद्ध, जमीनी हमले, और टोही मिशनों के लिए उपयोग किया जाता है।
भारत ने दो JF-17 विमान को आकाश डिफेंस सिस्टम से नष्ट किया गया।

F-16:
F-16 एक अमेरिकी मूल का मल्टीरोल फाइटर जेट है, जो पाकिस्तान वायु सेना के बेड़े का हिस्सा है। दावा है कि एक F-16 को भी भारतीय वायु रक्षा तंत्र ने मार गिराया।

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भारत द्वारा पाकिस्तान के AWACS (Airborne Warning and Control System) को नष्ट करने से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नुकसान
1. पाकिस्तान को नुकसान
सैन्य क्षमता में कमी: AWACS एक महत्वपूर्ण हवाई निगरानी और कमांड सिस्टम है, जो युद्ध क्षेत्र में वास्तविक समय की जानकारी प्रदान करता है। इसके नष्ट होने से पाकिस्तान की वायु सेना की निगरानी, समन्वय और रणनीतिक प्रतिक्रिया क्षमता में कमी आएगी।
आर्थिक नुकसान: AWACS जैसे उच्च तकनीकी उपकरण महंगे होते हैं। पाकिस्तान ने स्वीडन से Saab-2000 Erieye और चीन से ZDK-03 AWACS खरीदे थे, जिनकी लागत लाखों डॉलर में है। एक AWACS का नुकसान न केवल उपकरण का नुकसान है, बल्कि उसकी जगह लेने के लिए अतिरिक्त वित्तीय बोझ भी लाएगा।
रणनीतिक कमजोरी: AWACS की अनुपस्थिति में, पाकिस्तान की हवाई रक्षा प्रणाली कम प्रभावी हो जाएगी,
2. चीन को अप्रत्यक्ष नुकसान
सैन्य विश्वसनीयता पर प्रभाव: पाकिस्तान के कुछ AWACS, जैसे ZDK-03 Karakoram Eagle, चीन द्वारा आपूर्ति किए गए थे। यदि नष्ट हुआ AWACS चीनी मूल का है, तो यह चीन की सैन्य तकनीक की प्रभावशीलता और विश्वसनीयता पर सवाल उठा सकता है।
क्षेत्रीय प्रभाव: चीन, पाकिस्तान का प्रमुख सैन्य और आर्थिक सहयोगी है। पाकिस्तान की सैन्य कमजोरी से चीन के क्षेत्रीय हित, विशेष रूप से भारत के खिलाफ उसके रणनीतिक गठजोड़, प्रभावित हो सकते हैं।
1. स्वीडन और अन्य आपूर्तिकर्ताओं को प्रभाव
सैन्य उपकरणों की प्रतिष्ठा: यदि नष्ट हुआ AWACS Saab-2000 Erieye है, जो स्वीडन द्वारा निर्मित है, तो इसकी नष्ट होने की घटना स्वीडिश रक्षा उद्योग की प्रतिष्ठा को प्रभावित कर सकती है। अन्य देश, जो इस प्रणाली को खरीदने पर विचार कर रहे हैं, इसकी प्रभावशीलता पर सवाल उठा सकते हैं।
निर्यात पर प्रभाव: स्वीडन जैसे तटस्थ देशों के लिए, जिनका रक्षा निर्यात एक महत्वपूर्ण आर्थिक क्षेत्र है, ऐसी घटनाएँ उनके हथियारों की बिक्री को प्रभावित कर सकती हैं।
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F-16 लड़ाकू विमान को मार गिराने से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रभाव
1. पाकिस्तान को नुकसान
सैन्य क्षमता में कमी: F-16 पाकिस्तान वायु सेना का एक महत्वपूर्ण और उन्नत लड़ाकू विमान है, जिसे अमेरिका द्वारा आपूर्ति किया गया है। इसका नष्ट होना पाकिस्तान की हवाई युद्ध क्षमता को कमजोर कर सकता है,
आर्थिक नुकसान: F-16 की लागत लाखों डॉलर में होती है, और इसके नष्ट होने से पाकिस्तान को आर्थिक नुकसान होगा। नए विमान की खरीद या मरम्मत के लिए अतिरिक्त धन की आवश्यकता होगी, जो पाकिस्तान की पहले से कमजोर अर्थव्यवस्था पर बोझ डालेगा।
रणनीतिक कमजोरी: F-16 की हानि से पाकिस्तान की हवाई श्रेष्ठता और क्षेत्रीय शक्ति संतुलन पर असर पड़ सकता है।
2. अमेरिका को अप्रत्यक्ष नुकसान
सैन्य उपकरणों की प्रतिष्ठा: F-16 अमेरिका द्वारा निर्मित एक प्रमुख लड़ाकू विमान है। इसका नष्ट होना, विशेष रूप से अगर इसे भारतीय वायु रक्षा प्रणाली (जैसे S-400) द्वारा मार गिराया गया हो, तो अमेरिकी सैन्य तकनीक की विश्वसनीयता पर सवाल उठा सकता है।
हथियार निर्यात पर प्रभाव: F-16 की हानि अन्य देशों को अमेरिकी हथियारों की प्रभावशीलता पर सवाल उठेगा
अमेरिकी हथियारों की मांग: F-16 की हानि से अमेरिकी हथियारों की मांग पर असर पड़ सकता है, विशेष रूप से अगर यह भारतीय रक्षा प्रणालियों द्वारा नष्ट किया गया है तब
रूसी और भारतीय हथियारों की मांग: भारत की S-400 प्रणाली, जिससे F-16 को नष्ट करने में उपयोग किया गया, रूसी मूल की है। इसकी सफलता से रूसी हथियारों की मांग बढ़ सकती है। साथ ही भारतीय हथियार की मांग भी बढ़ेगी।
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भारत द्वारा पाकिस्तान के JF-17 लड़ाकू विमान को मार गिराने से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रभाव
नुकसान होने वाले पक्ष
1. पाकिस्तान
सैन्य क्षमता में कमी: JF-17 पाकिस्तान वायु सेना का एक महत्वपूर्ण और लागत-प्रभावी लड़ाकू विमान है, जो पाकिस्तान एयरोनॉटिकल कॉम्प्लेक्स (PAC) और चीन की चेंगदू एयरक्राफ्ट कॉर्पोरेशन (CAC) द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है। इसका नष्ट होना पाकिस्तान की हवाई युद्ध क्षमता को कमजोर करता है,
आर्थिक नुकसान: JF-17 की लागत, हालांकि F-16 की तुलना में कम है, फिर भी लाखों डॉलर में है। इसके नष्ट होने से पाकिस्तान को आर्थिक नुकसान होगा, और नए विमान की खरीद या मरम्मत के लिए अतिरिक्त धन की आवश्यकता होगी, जो पहले से ही आर्थिक तंगी का सामना कर रहे पाकिस्तान के लिए चुनौतीपूर्ण है।
रणनीतिक कमजोरी: JF-17 पाकिस्तान वायु सेना की रीढ़ है, और इसकी हानि से क्षेत्रीय शक्ति संतुलन प्रभावित हो सकता है। यह भारत को रणनीतिक लाभ दे सकता है, जिससे पाकिस्तान की स्थिति कमजोर हो सकती है।
मनोबल पर प्रभाव: JF-17 को पाकिस्तान और चीन की संयुक्त उपलब्धि के रूप में प्रचारित किया जाता है। इसका नष्ट होना पाकिस्तानी सेना और जनता के मनोबल को प्रभावित कर सकता है।
2. चीन
सैन्य तकनीक की प्रतिष्ठा पर प्रभाव: JF-17 एक चीनी-पाकिस्तानी सहयोग का उत्पाद है, और इसका नष्ट होना, विशेष रूप से अगर इसे भारतीय रक्षा प्रणालियों द्वारा मार गिराया गया हो, तो चीनी सैन्य तकनीक की विश्वसनीयता पर सवाल उठा सकता है। यह अन्य देशों, जैसे म्यांमार, नाइजीरिया, या मलेशिया, जो JF-17 खरीदने पर विचार कर रहे हैं, को प्रभावित कर सकता है।
निर्यात पर प्रभाव: चीन JF-17 को वैश्विक बाजार में एक किफायती और बहु-भूमिका वाले लड़ाकू विमान के रूप में प्रचारित करता है। इसकी हानि से इसके निर्यात की संभावनाएँ कमजोर हो सकती हैं, विशेष रूप से अगर इसकी कमजोरियाँ उजागर होती हैं।
1. भारत
रणनीतिक लाभ: JF-17 को मार गिराना भारत की सैन्य श्रेष्ठता और रक्षा प्रणालियों, जैसे स्वदेशी आकाश मिसाइल सिस्टम, की प्रभावशीलता को प्रदर्शित करता है। यह क्षेत्रीय शक्ति संतुलन में भारत को मजबूत करता है।
स्वदेशी रक्षा उद्योग को बढ़ावा: यदि JF-17 को आकाश मिसाइल सिस्टम द्वारा नष्ट किया गया, है तो यह भारत के स्वदेशी रक्षा उद्योग की विश्वसनीयता को बढ़ाएगा। यह भारत को वैश्विक रक्षा बाजार में एक मजबूत खिलाड़ी के रूप में स्थापित कर सकता है।
मनोबल में वृद्धि: इस कार्रवाई से भारतीय सेना और जनता का मनोबल बढ़ेगा, विशेष रूप से हाल के पहलगाम आतंकी हमले के बाद, जिसमें 26 लोग मारे गए थे।
2. रूस
रक्षा निर्यात में वृद्धि: भारत की S-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली, जिसे JF-17 को नष्ट करने में उपयोग किया गया हो सकता है, रूसी मूल की है। इसकी सफलता से रूसी हथियारों की मांग बढ़ सकती है, विशेष रूप से उन देशों में जो उन्नत वायु रक्षा प्रणालियाँ खरीदना चाहते हैं।
3. फ्रांस
राफेल की मांग: JF-17 की तुलना में भारत के राफेल विमानों ने बेहतर प्रदर्शन दिखाया है, जैसा कि ऑपरेशन सिंदूर में देखा गया। यह फ्रांस के रक्षा उद्योग, विशेष रूप से डसॉल्ट एविएशन, को लाभ पहुंचा सकता है, क्योंकि अन्य देश राफेल की खरीद पर विचार कर सकते हैं।
नुकसान: पाकिस्तान को सबसे अधिक नुकसान होगा, क्योंकि उसकी सैन्य क्षमता, आर्थिक स्थिति, और मनोबल प्रभावित होगा। चीन को अपनी सैन्य तकनीक की प्रतिष्ठा और निर्यात की संभावनाओं में कमी के रूप में अप्रत्यक्ष नुकसान हो सकता है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को क्षेत्रीय अस्थिरता और आर्थिक व्यवधान का सामना करना पड़ सकता है।
कुल मिलाकर कहा जाए तो पूरे विश्व की निगाहें भारत और पाकिस्तान के इस युद्ध पर हैं यह युद्ध सिर्फ यह तय नहीं करेगा कि भारत इस युद्ध को जीतता है या नहीं बल्कि इस युद्ध से यह भी तय हो जाएगा कि युद्ध में एयर डिफेंस सिस्टम से जिस F16 और JS17 को मार गिराया है । उससे हथियार के बाजार में अन्तराष्ट्रीय स्तर पर नया बाजार तैयार हो सकता है।


