झारखंड सरकार का बड़ा ऐलान: त्योहारों से पहले गरीबों की थाली में मिठास, दाल और वस्त्रों की सौगात

रांची : झारखंड के खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने आज एक आपात बैठक में विभागीय समीक्षा के दौरान कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। उन्होंने स्पष्ट किया कि खाद्य आपूर्ति विभाग सीधे जनता की रसोई से जुड़ा है और किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मंत्री ने कहा, “अगर हमारी जनता को कष्ट होगा, तो मैं चैन से नहीं बैठूंगा।”

दिवाली से पहले हर गरीब परिवार को राहत
मंत्री ने घोषणा की कि पिछले 9 महीनों से चीनी की आपूर्ति में हो रही देरी को दूर कर लिया गया है। अब दिवाली से पहले राज्य के लगभग 9 लाख गरीब परिवारों को चीनी उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि उनकी थाली में मिठास लौटे। इसके लिए आपूर्तिकर्ताओं को सख्त निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, हर अंत्योदय परिवार को धोती, साड़ी और लूंगी के साथ-साथ गुरुजी की तस्वीर भी दी जाएगी, जो झारखंड की परंपरा और सम्मान का प्रतीक है।

केंद्र की बेरुखी पर प्रहार, राज्य सरकार की पहल
डॉ. अंसारी ने केंद्र सरकार पर दाल आपूर्ति में देरी और कोटा कम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र की उदासीनता के बावजूद झारखंड सरकार ने खुद दाल खरीदने का फैसला किया है। इसके लिए निविदा जारी कर दी गई है, ताकि जल्द से जल्द लाभुकों को दाल उपलब्ध हो सके।

बैठक में लिए गए प्रमुख निर्णय
NFSA का वितरण मिशन मोड में : अक्टूबर माह में अनाज वितरण को मिशन मोड में पूरा करने का निर्देश।
चीनी आपूर्ति पर जोर : त्योहारों से पहले सभी जिलों में सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित करने के आदेश।
वस्त्र वितरण में तेजी : पांच जिलों में धोती, लूंगी, साड़ी वितरण में देरी को तुरंत दूर करने का निर्देश।
राशन कार्ड सुधार : 6,12,489 अपात्र राशन कार्ड हटाकर 7,92,545 नए पात्र लाभुकों को जोड़ा गया।
विशेष कोटा : प्रत्येक जिले में 100 गंभीर/असाध्य रोगियों के लिए विशेष कोटा सुरक्षित।
4G तकनीक अपग्रेड : अगले तीन महीनों में E-POS मशीनों को 4G में अपग्रेड करने का आदेश।
गबन पर जांच : गढ़वा के केतार गोदाम से चावल/खाद्यान्न गबन की शिकायत पर उपायुक्त से विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई।

मंत्री का संकल्प: गरीबों की थाली रहेगी भरी
डॉ. इरफान अंसारी ने कहा कि झारखंड सरकार गरीबों के हित में लगातार काम कर रही है। “हमारी प्राथमिकता है कि हर गरीब के घर तक भोजन, चीनी, दाल और वस्त्र पहुंचे। केंद्र की उदासीनता के बावजूद हम जनता के अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे हैं और जल्द ही सकारात्मक परिणाम दिखेंगे।”




