बिना सूचना के मण्डल स्तरीय रेल अस्पताल पहुँचे सांसद, कोरोना की तीसरी लहर की संभावना से निबटने को तैयारी का निर्देश.
राँची : सांसद श्री संजय सेठ ने हटिया में स्थित राँची रेल मंडल के मंडल स्तरीय अस्पताल का आज मंगलवार को औचक निरीक्षण किया। श्री सेठ दोपहर बाद अचानक अस्पताल पहुंचे और वहां मौजूद स्वास्थ्य कर्मचारियों से चिकित्सकों के संबंध में जानकारी ली। अस्पताल के चिकित्सक डॉ. विवेक कुमार और डॉ. संजीव अस्पताल परिसर में ही मिले और बताया कि अस्पताल में मरीजों का इलाज चल रहा है। वर्तमान में तीन कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज यहां चल रहा है। हालांकि सांसद ने अस्पताल के संबंध में विस्तृत जानकारी मांगी तो चिकित्सक दे नहीं पाए परंतु चिकित्सकों ने बताया कि वर्तमान समय में 10 चिकित्सक निविदा पर यहां काम कर रहे हैं।
सूचना मिलने पर मंडल रेल प्रबंधक नीरज अम्बष्ठ भी अस्पताल पहुंचे और सांसद से बातचीत की। उन्होंने सांसद को बताया कि यहां दवाएं उपलब्ध हैं। अन्य चिकित्सकीय संसाधन भी उपलब्ध हैं। आवश्यकता अनुसार दवाएं मुख्यालय से आती हैं और जरूरत पड़ने पर स्थानीय स्तर पर भी उसकी खरीद की जाती है। अस्पताल का यह प्रयास रहता है कि मरीजों का समुचित इलाज हो सके। उन्होंने सांसद को बताया कि कोरोना से संक्रमित रेल कर्मचारियों को गंभीर स्थिति होने पर रांची के बड़े निजी अस्पतालों में भेजा गया है। सामान्य रूप से यहां इलाज किया जाता है। पीएम केयर्स फंड से मिले वेंटीलेटर के संबंध में उन्होंने बताया कि तकनीकी विशेषज्ञों के अभाव में वेंटिलेटर का उपयोग नहीं हो पा रहा है परंतु शीघ्र ही इसकी व्यवस्था करेंगे।
सांसद ने उन्हें निर्देश दिया कि कोरोना की तीसरी लहर की सम्भावना को देखते हुए इससे बचाव के लिए युद्ध स्तर पर काम करें। जो भी संसाधन चाहिए, इसके लिए मुख्यालय से बात करें और मुझे भी बताएं परंतु किसी भी कीमत पर रेल कर्मचारियों और उनके परिजनों के साथ किसी तरह की समस्या नहीं हो, इसका ध्यान रखा जाए। सांसद ने बताया कि दूसरी लहर से हम पार हो चुके हैं, परंतु तीसरी लहर हमें नुकसान नहीं पहुंचाए, इस सोच को लेकर वह अपने लोकसभा क्षेत्र के हर स्वास्थ्य केंद्रों का निरीक्षण कर रहे हैं। उनका प्रयास है की तीसरी लहर से पूर्व ही हर स्वास्थ्य केंद्र में पूरी तैयारी हो सके ताकि हमें ज्यादा नुकसान नहीं झेलना पड़े।
इस दौरान श्री सेठ ने डीआरएम को भी स्पष्ट निर्देश दिया की अस्पताल में पूरी तरह से तैयारी करके रखें। विशेष रुप से बच्चों के लिए अलग से वार्ड बनाए जाएं ताकि आपात स्थिति में उनका इस्तेमाल हो सके और हमें जायदा जान माल का नुकसान नहीं हो।