नामकुम में बाघ का आतंक: लाली जंगल में तीन मवेशियों की मौत, ग्रामीणों में दहशत!
नामकुम में बाघ का आतंक: लाली जंगल में तीन मवेशियों की मौत, ग्रामीणों में दहशत!
रांची, 16 जून : नामकुम प्रखंड के सुदूरवर्ती इलाकों में बाघ की मौजूदगी और लगातार हमलों से ग्रामीणों में पिछले दो महीनों से दहशत का माहौल बना हुआ है। रविवार को लाली कुदागड़ा जंगल में तीन मवेशियों के शव मिले, जिनके गर्दन और शरीर पर बाघ के पंजों के निशान पाए गए। यह क्षेत्र हुवांगहातु जंगल से करीब 10 किलोमीटर दूर है, जहां पहले भी बाघ ने मवेशियों पर हमला किया था।
स्थानीय लोगों का दावा है कि क्षेत्र में संभवतः दो बाघ सक्रिय हैं, जिसके चलते बार-बार ऐसी घटनाएं हो रही हैं। हुवांगहातु में भी कई मवेशियों पर हमले और पंजों के निशान की पुष्टि हुई थी। डर के मारे ग्रामीण सूर्यास्त के बाद घरों में कैद हो जाते हैं। बच्चों को अकेले बाहर निकलने की मनाही है, और कई परिवारों ने अपने बच्चों को स्कूल भेजना भी बंद कर दिया है।
वन विभाग और पुलिस प्रशासन ने बाघ को पकड़ने के लिए कई बार जंगलों में सर्च ऑपरेशन चलाया, लेकिन अभी तक कोई सफलता नहीं मिली। वन विभाग ने लाली जंगल में बाघ की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस लगाए हैं। रेंजर गायत्री देवी ने बताया, “पगमार्क तो नहीं मिले, लेकिन हमले का तरीका बाघ की मौजूदगी की ओर इशारा करता है। हम स्थिति पर नजर रख रहे हैं और ग्रामीणों से सावधानी बरतने की अपील की गई है।”
ग्रामीणों ने प्रशासन से जल्द कार्रवाई की मांग की है ताकि उनकी जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। वन विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे अकेले जंगल में न जाएं और अपने मवेशियों को सुरक्षित रखें। इस घटना ने एक बार फिर इलाके में डर का माहौल पैदा कर दिया है।









