Patna News:-मुझे पुलिस पे भरोसा है बिहार के नेता पे नहीं , मैंने कुछ गलत नहीं किया , सिर्फ मजदूरों के लिए आवाज उठाई :- मनीष कश्यप
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लोकप्रिय यूट्यूबर मनीष कश्यप को पुलिस बुधवार को एक बंदी के रूप में तमिलनाडु ले जाएगी। एयरपोर्ट पर प्रेस को दिए इंटरव्यू में मनीष कश्यप ने दावा किया कि तमिलनाडु पुलिस ने मेरे साथ कुछ भी गलत नहीं किया है. पुलिस पर मेरा पूरा भरोसा है। नेताओं के कारण बिहार बर्बाद हुआ है। किसी पत्रकार के साथ ऐसा भारत में पहली बार हो रहा है। बिहार आज नहीं तो कल बदलेगा। मेरे सभी वीडियो पर एक नज़र डालें; मैंने केवल मजदूरों की आवाज बुलंद की है।
सुबह गो एयर की फ्लाइट मनीष कश्यप को ले जाने वाली थी। हालांकि, सूत्रों की मानें तो अचानक कुछ बदल गया। एयरपोर्ट की जगह बीएमपी डेस्टिनेशन था। इसके बाद एयरपोर्ट को वापस लाया गया। मनीष मेन गेट से अंदर आया। पटना से चेन्नई के लिए अब उन्हें इंडिगो की फ्लाइट 6E-483 में ट्रांसफर किया जाएगा। , जो दोपहर 3 बजे प्रस्थान करती है।
तमिलनाडु पुलिस के अनुरोध पर पटना के विशेष न्यायालय द्वारा ट्रांजिट रिमांड पर उसके प्लेसमेंट को अधिकृत किया गया था। मंगलवार को यह अनुमति दे दी गई।इसके बाद से मनीष को हटाने का काम शुरू हो गया है। बुधवार सुबह कड़ी सुरक्षा के बीच उन्हें बेउर जेल से एयरपोर्ट ले जाया गया.पुलिस मनीष को बेंगलुरु के बाद मदुरै ले जाएगी। जहां उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा। तमिलनाडु पुलिस उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी। क्योंकि बिहारियों को पीटने के मामले में वायरल हुए फेक वीडियो को लेकर कई चिंताएं वहां पुलिस के सामने भी उठाई जाती हैं. जिसका जवाब तमिलनाडु की पुलिस जानना चाहती है।
तमिलनाडु के 6 केस है नामजाद
बिहारियों की पिटाई और उसके फर्जी वीडियो को वायरल करने के मामले में वैसे तो तमिलनाडु पुलिस ने 13 केस दर्ज किए थे। लेकिन, इनमें 6 केस ऐसे हैं, जिसमें मनीष कश्यप नामजद है। इनमें अकेले तीन केस कृष्णागिरी थाना में दर्ज है।
इसके अलावा बनारस और त्रिपुर के एक-एक केस में भी मनीष कश्यप और उसके यू ट्यूब चैनल ‘सचतक’ का नाम शामिल है। EOU से जुड़े सूत्र बताते हैं कि तमिलनाडु की पुलिस अपने यहां दर्ज हर एक केस में उसे रिमांड पर लेगी और पूछताछ करेगी।
18 मार्च को किया था सरेंडर
तमिलनाडु मामले में मनीष कश्यप के ऊपर पटना में आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने कुल 3 FIR दर्ज किए थे। इसके बाद उसकी गिरफ्तारी के लिए कई दिनों तक छापेमारी की। इस कारण कई दिनों तक मनीष कश्यप फरार रहा। उसी दरम्यान वो वीडियो के जरिए सामने भी आता रहा। अपनी बातों को रखता रहा।
वो बिहार में सरकार गिराने की धमकी भी देता रहा। पर EOU के दबाव के कारण उसे सामने आना पड़ा। 18 मार्च को उसने बेतिया के मझौलिया थाना के केस में घर की कुर्की जब्ती होने पर जगदीशपुर आउट पोस्ट पर जाकर खुद को सरेंडर किया था।

फिर उसी दिन EOU की टीम उसे अपने साथ लेकर बेतिया से पटना आई। इसके बाद 19 मार्च को उसे पटना के स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया। तब स्पेशल कोर्ट से मनीष कश्यप को 7 दिनों के रिमांड पर मांगा गया था। मगर, 24 घंटे का ही रिमांड मिला। जब अवधि पूरी हो गई तो फिर कोर्ट में पेश कर उसके 7 दिनों की रिमांड मांगी गई, लेकिन 4 दिनों का मिला। पूछताछ के बाद 27 मार्च को उसे कोर्ट में पेश किया गया और फिर उसे जेल भेज दिया गया था।
मनीष कश्यप पर तमिलनाडु में प्रवासी बिहारी मजदूरों पर हमले का फेक वीडियो बनाने और उसे वायरल करने का आरोप है।
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