Ranchi News:-राज्य के बच्चों का भविष्य स्कूल संचालन समिति के हाथों में; निकट भविष्य में, स्कूलों में छात्रावास स्थापित किए जाएंगे, और बेहतर प्रदर्शन को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी।
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प्रेरणा चौरसिया
Drishti Now Ranchi
इस सत्र से प्रदेश में संचालन समिति के सदस्यों एवं 80 उत्कृष्ट विद्यालयों के शिक्षकों का राज्य स्तरीय सम्मेलन आयोजित किया गया. सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि आज से हमने खेलगांव के हरवंश टाना भगत स्टेडियम में आयोजित इस कार्यक्रम में बोलते हुए प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में सुधार की शुरुआत की है. लेकिन यह शुरुआत तभी सार्थक होगी जब आप, स्कूल संचालन समिति के सदस्य इसे पूरे मनोयोग से संचालित करें। उन्होंने स्कूल संचालन समिति के सदस्यों को सलाह दी कि 80 उत्कृष्ट स्कूलों के छात्रों को उसी स्तर की देखभाल प्राप्त करने की आवश्यकता है जो बच्चों को उनके अपने घरों में दी जाती है।
आप संसाधनों का उपयोग करने के लिए जिम्मेदार हैं।
उन्होंने दावा किया कि सरकार प्रणाली की पेशकश कर सकती है। संसाधनों की पेशकश कर सकता है। हालाँकि, उन संसाधनों का सही उपयोग करने के लिए, स्कूल संचालन समिति का कार्य महत्वपूर्ण है। उन्होंने दावा किया कि शुरूआती चरण में 80 शीर्ष स्कूलों के लिए संसाधन मुहैया कराए गए हैं। आने वाले दिनों में जब ये स्कूल बेहतर प्रदर्शन करेंगे तो हम ब्लॉक स्तर तक के स्कूलों को उदाहरण के तौर पर इस्तेमाल करते हुए उत्कृष्ट स्कूलों में बदल देंगे। ऐसा नहीं है कि हमने अभी शुरुआत की है, उन्होंने जोर देकर कहा। ये बेहतरीन संस्थान हैं और हम इनकी निगरानी करेंगे। जब उन्होंने कहा कि मैं आने वाले दिनों में इन स्कूलों का औचक निरीक्षण करूंगा, तो उन्होंने बहुत स्पष्ट किया था। विभाग के अधिकारी समय-समय पर विद्यालय का दौरा करेंगे।
अब हॉस्टल युक्त होंगे स्कूल
राज्य की शैक्षणिक स्थिति देश के दूसरे राज्यों के मुकाबले कमजोर जरूर है लेकिन अब ऐसी नहीं होगी। उन्होंने स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के प्लानिंग पर भी इशारा करते हुए कहा कि जब हमारे उत्कृष्ठ 80 विद्यालय बेहतर प्रदर्शन करेंगे तो आने वाले दिनों में जो स्कूल उत्कृष्ठ विद्यालय बनाए जाएंगे वहां न केवल पढ़ाई होगी बल्कि वहां हॉस्टल सुविधा भी दी जाएगी। इसके अतिरिक्त अब स्टूडेंट्स के साथ-साथ स्कूलों के बीच भी प्रतियोगिता कराई जाएगी। वैसे विद्यालय जहां हॉस्टल की सुविधा होगी, वहां बेहतर प्रदर्शन करने वाले बच्चों का ही एडमिशन होगा। इन स्कूलों के बच्चों को शिक्षकों के साथ दूसरे राज्य भी भेजे जाएंगे ताकि वह समझ सके कि हम अन्य राज्यों से कितने पिछड़े हैं या दूसरे राज्यों से हमें क्या कुछ सीखना है।
मिशन मोड में करें आप, आपकी जरूरत हम पूरा करेंगे
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि शैक्षणिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए हमें मिशन मोड में काम करना होगा। हम निश्चित रूप से पीछे हैं लेकिन जो गैप रह गया है उस गैप को खत्म करना होगा। उन्होंने कहा कि राज्य के स्कूलों में कॉन्ट्रैक्ट, मानदेय जैसे मोड में शिक्षकों की नियुक्तियां हो रही हैं। समय के अनुसार इनकी जरूरतों को भी पूरा किया जाएगा। स्कूल बेहतर बने इसके लिए तमाम संसाधनों को पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने आश्वस्त करते हुए कहा कि राज्य के कर्मचारियों को अपनी मांगों के लिए आंदोलन करने की जरूरत नहीं है। आपकी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए हम विभागीय स्तर पर अक्सर बातचीत करते रहते हैं। जो कुछ भी कानून सम्मत बन पाएगा उसे पूरा किया जाएगा।
ड्रिम प्रोलेक्ट को मिल रहा मूर्त रूप
झारखंड शिक्षा परियोजना निदेशक किरण पासी ने आयोजन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह राज्य सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है। जिसके तहत पहले चरण में 80 उत्कृष्ट विद्यालयों की शुरुआत की गई है। इन स्कूलों में सीबीएसई पैटर्न पर पढ़ाई कराई जाएगी। यह स्कूल बारहवीं तक संचालित होंगे। इन स्कूलों में वर्तमान वे सारी सुविधाएं होंगी जो किसी निजी स्कूल में होती हैं। इन 80 स्कूलों में 24 जिला स्कूल, 24 बालिका विद्यालय, 24 कस्तूरबा बालिका आवासीय विद्यालय और 7 मॉडल इंग्लिश स्कूल शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इन स्कूलों के संचालन के लिए स्कूल संचालन समिति के अध्यक्ष को ट्रेनिंग भी दी गई है। यह 1 साल की ट्रेनिंग कराई गई है। आने वाले दिनों में इसे पूरा किया जाएगा।
संसाधनों के अभाव में पढ़ाई न छूटे
स्कूली शिक्षा सचिव के रवि कुमार ने कहा कि उत्कृष्ट विद्यालयों का संचालन स्कूल मैनेजिंग कमिटी पर निर्भर करेगा। स्कूल के डेवलपमेंट के लिए इनकी भूमिका अहम होगी। तमाम सुविधाएं देने के लिए हमने प्रयास कर दिए हैं। जल्दी स्कूल में गार्ड, स्वीपर और माली की नियुक्ति होगी। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य के सभी पंचायतों में इस तरह के उत्कृष्ट विद्यालय खोले जाएंगे। उन्होंने कहा किसी भी स्थिति में पढ़ाई नहीं छोड़ना है। गरीबों के विकास से ही राज्य का विकास संभव होगा। संसाधन कभी भी पढ़ाई के आड़े न आए, इसका ध्यान रखना है।
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