रांची स्मार्ट सिटी मॉडल बना IITF 2025 में आकर्षण का केंद्र, झारखंड सरकार की नॉलेज हब बनाने की पहल को मिल रही सराहना
नई दिल्ली : भारत मंडपम में चल रहे 44वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले (IITF 2025) में झारखंड पवेलियन इस बार रांची स्मार्ट सिटी के भविष्योन्मुखी मॉडल के कारण सबसे ज्यादा चर्चित रहा। आगंतुकों और मीडिया की भारी भीड़ इस मॉडल को देखने और समझने के लिए उमड़ रही है। यह मॉडल झारखंड सरकार की उस महत्वाकांक्षी योजना का जीवंत प्रतिबिंब है, जिसके तहत रांची को अगले कुछ वर्षों में एक प्रमुख नॉलेज हब और शिक्षा-कौशल विकास केंद्र के रूप में स्थापित किया जाना है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!रणनीतिक स्थान पर 656 एकड़ की ग्रीनफील्ड टाउनशिप
रांची स्मार्ट सिटी परियोजना हटिया रेलवे स्टेशन, बिरसा मुंडा एयरपोर्ट और प्रस्तावित राजधानी परिसर के निकट 656 एकड़ क्षेत्र में विकसित की जा रही है। यह स्थान निवेश, तकनीकी संस्थान, स्टार्टअप इकोसिस्टम और ज्ञान-आधारित उद्योगों के लिए आदर्श माना जा रहा है।
प्रमुख विशेषताएं 37% क्षेत्र ओपन और ग्रीन स्पेस के लिए आरक्षित, 24×7 गैस-इंसुलेटेड पावर स्टेशन और अंडरग्राउंड वायरिंग, 16 MLD क्षमता का STP प्लांट, उपचारित जल का 40% हिस्सा गैर-पीने के उपयोग में, रोडसाइड यूटिलिटी डक्ट सिस्टम और स्मार्ट शहरी सेवाएं, स्वच्छ, सुरक्षित और पर्यावरण-अनुकूल शहरी जीवन का मॉडल जो इसे बनाती हैं ‘फ्यूचर-रेडी’।
झारखंड बनेगा पूर्वोत्तर राज्यों का भी प्रमुख शिक्षा-कौशल केंद्र
रांची स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन के जनसंपर्क पदाधिकारी अमित कुमार ने बताया, “रांची पहले से ही कई सरकारी संगठनों, पीएसयू और आरएंडडी केंद्रों का गढ़ रहा है। अब हम इसे आधुनिक शिक्षण संस्थानों, स्टार्टअप्स और ज्ञान-आधारित उद्योगों का हब बनाकर अगले 5-10 वर्षों में झारखंड को पूर्वोत्तर भारत के लिए भी प्रमुख शैक्षणिक एवं कौशल विकास केंद्र बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।”
IITF 2025 में झारखंड पवेलियन के माध्यम से राज्य सरकार ने स्पष्ट संदेश दिया है कि झारखंड अब सिर्फ खनिज संसाधनों का राज्य नहीं, बल्कि भविष्य की स्मार्ट अर्थव्यवस्था और ज्ञान-आधारित विकास का नया केंद्र बनने जा रहा है।





