सरकार की दूसरी पाली की पहली वर्षगांठ पर सरयू राय का तीखा हमला: “मुख्यालय से उपलब्धियाँ घोषित होती रहेंगी, ज़मीन पर क़ब्रगाह बनती रहेगी”
जमशेदपुर : जमशेदपुर पश्चिमी के वरिष्ठ विधायक सरयू राय ने हेमंत सोरेन सरकार की दूसरी पाली की पहली वर्षगांठ पर कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि सरकार भले ही उपलब्धियों का पिटारा खोलकर अपनी पीठ थपथपा ले, लेकिन ज़मीन पर अधिकांश योजनाएँ पहले ही दम तोड़ चुकी हैं या कब्रगाह बन चुकी हैं।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!सरयू राय ने अपने बयान में सबसे बड़ा हमला “सेवा का अधिकार अधिनियम” पर किया। उन्होंने कहा, “यह अधिनियम राज्य में पूरी तरह दम तोड़ चुका है। मुख्यालय से लेकर जिला-प्रखंड स्तर तक इसके प्रावधानों का कोई पालन नहीं हो रहा। किसी भी सरकारी दफ़्तर में सेवा का अधिकार अधिनियम से जुड़े नागरिकों के अधिकार बताने वाले बोर्ड तक नहीं लगे हैं। हज़ारों आवेदन लंबित पड़े हैं, लोग चक्कर काट-काटकर थक रहे हैं और कर्मचारियों को रिश्वत देने को मजबूर हैं। सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में एक सप्ताह के लिए इसे याद करना जले पर नमक छिड़कने जैसा है।”
बेकार पड़े करोड़ों के प्रोजेक्ट
सरयू राय ने कई उदाहरण दिए जिसमें कदमा में बना करोड़ों रुपए का कन्वेंशन सेंटर और साकची में डीएम लाइब्रेरी का भवन पांच साल पहले बनकर तैयार हो गया था, लेकिन आज तक उपयोग में नहीं लाया गया। दोनों इमारतें जर्जर हो चुकी हैं और मरम्मत के नाम पर फिर करोड़ों खर्च करने पड़ेंगे। 15वें वित्त आयोग से मिली करोड़ों की राशि का जमशेदपुर आसपास की नगर निकायों जेएनएसी, मानगो नगर निगम, आदित्यपुर नगर निगम और जुगसलाई नगर परिषद ने क्या किया, इसका हिसाब सरकार मांग ले। डीएमएफटी फंड और स्वास्थ्य विभाग के कारनामे रोज़ अख़बारों की सुर्खियाँ बन रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री का ध्यान इनकी ओर नहीं जा रहा शामिल हैं।
“घोषणाएँ होंगी, क़ब्रगाह बनती रहेगी”
अंत में सरयू राय ने चेतावनी भरे लहजे में कहा, “मुख्यालय से उपलब्धियों के कार्यक्रमों की घोषणाएँ होती रहेंगी और सरज़मीं पर इनकी क़ब्रगाह बनती रहेगी। सरकारी धन इसी तरह ज़ाया होता रहेगा। अगर पुरानी घोषित योजनाओं की इस हालत पर ध्यान नहीं दिया गया तो नई घोषित योजनाओं का भी यही हश्र होगा।”





