राजकीय रामरेखा महोत्सव 2025: झारखंड की संस्कृति का भव्य संगम
शंभू कुमार सिंह
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!सिमडेगा : झारखंड सरकार द्वारा आयोजित राजकीय रामरेखा महोत्सव 2025 इस बार और भी विस्तृत, भव्य एवं ऐतिहासिक रूप धारण करने जा रहा है। सिमडेगा के पवित्र रामरेखा धाम में 04 से 06 नवंबर 2025 तक चलने वाला यह तीन दिवसीय आयोजन झारखंड की कला, लोकपरंपरा और सांस्कृतिक विरासत को राष्ट्रीय पटल पर स्थापित करने की मजबूत पहल साबित होगा।
झारखंड पर्यटन विभाग द्वारा संरक्षित इस महोत्सव का संरक्षण मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन एवं पर्यटन, खेल एवं युवा कार्य मंत्री सुदिव्य कुमार कर रहे हैं। महोत्सव में झारखंड के पारंपरिक लोक कला रूपों की भव्य प्रस्तुति होगी। विशेष रूप से छऊ नृत्य और पाइकवा नृत्य मुख्य मंच पर दर्शकों का मन मोह लेंगे।
इस बार मंच पर विभिन्न विधाओं के ख्यातिप्राप्त कलाकार अपनी कला का जादू बिखेरेंगे, जिनमें पार्श्वगायिका शालिनी दुबे, पूजा चटर्जी और राधा श्रीवास्तव की मौजूदगी रहेगी, वहीं इस मौके पर शहनाज अख्तर की भक्तिमय गायन सुनने को मिलेगा। पद्मश्री सम्मानित प्रसिद्ध लोकगायक मुकुंद नायक भी अपनी प्रस्तुति देंगे। स्टेज मनोरंजन रविन्द्र जॉनी और मंच संचालन।जगदीश बरूआ करेंगे। इसके अलावा क्षेत्रीय एवं स्थानीय कलाकार दल भी मंच की शोभा बढ़ाएंगे।
रामरेखा धाम: क्यों है यह स्थल इतना विशेष?
मान्यता है कि वनवास काल में भगवान श्रीराम, माता सीता एवं लक्ष्मण ने इसी पवित्र स्थल पर विश्राम किया था। शिला चिन्हों और प्राकृतिक संरचनाओं में रामायण काल के साक्ष्य आज भी मौजूद हैं, जो इस धाम की महत्ता को और बढ़ाते हैं।
लोक विश्वास है कि भगवान श्रीराम आज भी चेतना रूप में यहां विद्यमान हैं। यह स्थल केवल भौगोलिक नहीं, बल्कि भावनाओं, परंपराओं और मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की स्मृति का जीवंत प्रमाण है।
संस्कृति, श्रद्धा और पर्यटन का अनूठा संगम
यह आयोजन केवल मंचीय कार्यक्रम नहीं, बल्कि झारखंड की आत्मा और पहचान का जीवंत प्रदर्शन है। परंपरा, संगीत, लोकनृत्य और आध्यात्मिक धरोहर का यह भव्य मेला सिमडेगा से पूरे प्रदेश का गौरव संदेश लेकर निकलेगा।





