भगवान बिरसा के उलगुलान और बलिदान से प्रेरणा लें युवा : आजसू.
राँची : ब्रिटिश सरकार की दमनकारी नीतियों के खिलाफ सबसे पहले आंदोलन का आगाज करने वाले जननायक भगवान बिरसा मुंडा को उनकी पुण्यतिथि पर आजसू ने याद किया। आज आजसू ने राजधानी राँची स्थित आजसू पार्टी, केंद्रीय कार्यालय में भगवान बिरसा मुंडा के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
आजसू के प्रदेश अध्यक्ष गौतम सिंह ने कहा कि अंग्रेजों के खिलाफ करते थे गुरिल्ला युद्ध में पारंगत आदिवासी लड़ाका और अपने समाज के निर्विवाद नायक बिरसा मुंडा ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ 1895 में विद्रोह का बिगुल फूंका था। जंगल पर अधिकार के लिए उन्होंने आंदोलन छेड़ा, तो उन्हें गिरफ्तार कर दो साल के लिए जेल में बंद कर दिया गया।
दो साल बाद 1897 में जेल से छूटने के बाद बिरसा मुंडा ने अंग्रेजों के खिलाफ गुरिल्ला युद्ध की शुरुआत की। छिपकर अंग्रेज सिपाहियों पर हमले करने लगे। अंग्रेजी शासन के नाक में बिरसा मुंडा ने दम कर दिया। उनके हमलों से त्रस्त ब्रिटिश सरकार ने बिरसा मुंडा की गिरफ्तारी पर 500 रुपये का इनाम घोषित कर दिया था।
वर्ष 1900 में एक बार फिर बिरसा मुंडा को गिरफ्तार कर लिया गया। 9 जून, 1900 को संदेहास्पद परिस्थितियों में रांची स्थित जेल में उनकी मृत्यु हो गयी। उनकी मृत्यु के कारणों का अब तक खुलासा नहीं हो पाया है। बिरसा मुंडा सदैव युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बने रहेंगे और हम युवाओं को उनके उलगुलान और बलिदान से सिख लेते हुए आगे बढ़ना होगा।
प्रदेश सचिव ज्योत्सना केरकेट्टा ने कहा कि आजादी के नायक भगवान बिरसा के बताए रास्ते पर चल कर ही “अबुआ दिसुम अबुआ राज” की परिकल्पना को सच किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा के वंसज को राजकीय परिवार के रूप में तमाम सम्मान एवं सुविधाएं सरकार द्वारा उपलब्ध कराया जाना चाहिए।
भगवान बिरसा मुंडा की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में मुख्य रूप से गौतम सिंह, सोनू सिंह, ज्योत्सना केरकेट्टा, नीतीश सिंह, राहुल तिवारी, अभिषेक झा, राहुल पांडेय, प्रशांत पाठक, विक्की यादव, प्रेम कुमार, विकास गुप्ता, निसु कुमार आदि उपस्थित थे।