20251210 224545

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की अध्यक्षता में सिद्धो-कान्हो कृषि एवं वनोपज सहकारी संघ की बोर्ड बैठक संपन्न

रांची : झारखंड विधानसभा स्थित मुख्यमंत्री सभागार में आज सिद्धो-कान्हो कृषि एवं वनोपज राज्य सहकारी संघ लिमिटेड (सिद्धकोफेड) के निदेशक मण्डल की चौथी बैठक मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की अध्यक्षता में आयोजित हुई। बैठक में कृषि एवं वनोपज क्षेत्र को मजबूत करने, किसानों की आय दोगुनी करने, स्थानीय उत्पादों को वैश्विक पहचान दिलाने तथा डिजिटल तकनीक से किसानों को सशक्त बनाने पर विस्तृत चर्चा हुई।

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

किसानों की समृद्धि ही सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड की अर्थव्यवस्था की रीढ़ खेती-किसानी और वनोपज हैं। सरकार का लक्ष्य है कि किसान को उत्पादन से लेकर विपणन तक हर कदम पर पूरा सहयोग मिले और उसकी फसल का उचित मूल्य समय पर उसके खाते में पहुंचे। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि भुगतान में किसी भी तरह की देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

डिजिटल क्रांति : किसानों के लिए विशेष मोबाइल ऐप और कृषि पोर्टल

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को तत्काल निर्देश दिया कि किसानों के लिए एक विशेष मोबाइल ऐप विकसित किया जाए, जिसमें फसल बिक्री, बाजार भाव, कृषि इनपुट, मौसम सूचना और भुगतान स्थिति की रियल-टाइम जानकारी उपलब्ध हो। उन्होंने कहा कि एक स्थानीय कृषि पोर्टल बनाया जाए, जिससे उपभोक्ता सीधे किसानों से ताजा उत्पाद खरीद सकें और बिचौलियों की भूमिका समाप्त हो।।इससे किसानों की आय में सीधी वृद्धि होगी और पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।

किसान पाठशाला और वीडियो आधारित प्रशिक्षण को मिलेगा नया आयाम

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने के लिए “किसान पाठशाला” को और सशक्त किया जाएगा। साथ ही आधुनिक कृषि तकनीक, मूल्य संवर्धन और संरक्षण की ट्रेनिंग के लिए वीडियो आधारित प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार किए जाएंगे, ताकि दूर-दराज के किसान भी घर बैठे नई तकनीक सीख सकें।

लाह, इमली, महुआ, कोदो-कुटकी, तसर जैसे स्थानीय उत्पादों को वैश्विक बाजार

बैठक में लाह, इमली, महुआ, करंज, चिरौंजी, कोदो-कुटकी, रेशम एवं तसर जैसे झारखंड के विशिष्ट वनोपजों के उत्पादन, प्रसंस्करण और विपणन को बढ़ावा देने के लिए विशेष कार्ययोजना को मंजूरी दी गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन उत्पादों को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय ब्रांड बनाना सरकार की प्राथमिकता है।

जल संरक्षण की जिम्मेदारी किसानों को

मुख्यमंत्री ने चेक डैक डैमों एवं जल संरचनाओं की देखरेख की जिम्मेदारी जल सहिया समितियों एवं किसान समूहों को सौंपने का सुझाव दिया, ताकि जल संरक्षण के साथ-साथ ग्रामीणों को स्थायी आजीविका भी मिले।

बैठक में कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की, मुख्य सचिव अविनाश कुमार, सचिव अबु बकर सिद्दीक, प्रशांत कुमार, कृपानंद झा, अरवा राजकमल सहित अन्य वरीय अधिकारी एवं बोर्ड सदस्य।

मुख्यमंत्री ने अंत में कहा, “जल, जंगल और जमीन से ही झारखंड का विकास जुड़ेगा और इसी से हमारे किसान-वनवासी भाई-बहन सशक्त एवं समृद्ध बनेंगे। योजनाओं में पारदर्शिता ही झारखंड के किसानों की सच्ची सशक्तता की कुंजी है।

Share via
Send this to a friend