झुमरी तिलैया में जर्जर सड़क ने छीनी एक महिला की जिंदगी: पढ़िए मीना देवी की दुखद कहानी
झुमरी तिलैया में जर्जर सड़क ने छीनी एक महिला की जिंदगी: पढ़िए मीना देवी की दुखद कहानी
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!कोडरमा, झुमरी तिलैया: एक ऐसी त्रासदी, जिसने न केवल एक परिवार को तोड़ दिया, बल्कि व्यवस्था की लापरवाही को भी उजागर कर दिया। मंगलवार की शाम, विद्यापुरी की 55 वर्षीय मीना देवी को दिल का दौरा पड़ा। उनके परिजन उन्हें तुरंत स्कूटी पर सदर अस्पताल ले जा रहे थे, मगर किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। लककीबागी के पास एनएच की जर्जर सड़क ने उनकी सांसे छीन लीं।

मृतक मीना देवी
स्कूटी, जिस पर मीना देवी को अस्पताल ले जाया जा रहा था, सड़क के गहरे गड्ढों में अनियंत्रित होकर पलट गई। इस हादसे में मीना देवी और उनके भतीजे साकेत को गंभीर चोटें आईं। साकेत ने आंसुओं के बीच बताया, “अगर सड़क पर गड्ढे न होते, तो मैं अपनी बड़ी मां को समय पर अस्पताल पहुंचा देता। उनकी जान बच सकती थी।” मीना को ऑक्सीजन की सख्त जरूरत थी, लेकिन जर्जर सड़क ने समय से पहले ही सब कुछ छीन लिया।
यह हादसा उस सड़क पर हुआ, जो न केवल आम लोगों के लिए बल्कि नेताओं और अधिकारियों के लिए भी रोज का रास्ता है। डीडीसी आवास से महज 50 मीटर की दूरी पर बने डेढ़ से दो फीट के गड्ढे और सड़क का 10 फीट तक कटाव इसकी बदहाली की गवाही देता है। बारिश में जलजमाव ने इस रास्ते को और खतरनाक बना दिया।

मीना के दामाद सकलदेव राम का गुस्सा और दर्द उनकी बातों में साफ झलकता है। उन्होंने कहा, “एनएचएआई की लापरवाही ने मेरी सास की जान ले ली। हम इसकी शिकायत थाने में करेंगे।” स्थानीय लोगों का कहना है कि यह सड़क लंबे समय से मरम्मत की बाट जोह रही है, मगर कोई सुनवाई नहीं हो रही।
उपायुक्त ऋतुराज ने घटना पर दुख जताते हुए एनएचएआई को नोटिस जारी करने और गड्ढों को भरने का निर्देश देने की बात कही। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह कदम मीना देवी को वापस ला सकता है? एक जिंदगी चली गई, एक परिवार टूट गया, और जर्जर सड़क की यह कहानी अब भी अनसुनी पड़ी है।
यह घटना हम सभी से सवाल पूछती है- आखिर कब तक लापरवाही की कीमत मासूम जिंदगियां चुकाएंगी?






