झारखंड हाईकोर्ट के ऐतिहासिक फैसले का श्रमिक संघ ने किया स्वागत, आउटसोर्स कर्मियों को मिलेगा न्यूनतम वेतन
झारखंड ऊर्जा विकास श्रमिक संघ ने झारखंड उच्च न्यायालय के उस ऐतिहासिक आदेश का स्वागत किया है, जिसमें आउटसोर्स कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन देने का निर्देश दिया गया है। संघ ने इस फैसले को श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!संघ के केंद्रीय अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि यह निर्णय उन हजारों श्रमिकों के आत्मसम्मान और जीविका के अधिकार को सुनिश्चित करता है, जो ठेकेदारों के माध्यम से सरकारी संस्थानों में कार्यरत हैं, लेकिन उन्हें न्यूनतम मजदूरी से भी वंचित रखा गया था। उन्होंने कहा, “माननीय उच्च न्यायालय ने संविधान और मानवीय मूल्यों को प्राथमिकता देते हुए स्पष्ट किया है कि प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से नियोजित सभी श्रमिकों को उनके श्रम के अनुरूप सम्मानजनक वेतन मिलना चाहिए।”
संघ ने राज्य सरकार से मांग की है कि इस आदेश का तत्काल और प्रभावी अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। सभी विभागों और निकायों में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों को न्यूनतम वेतनमान की गारंटी दी जाए और भविष्य में किसी भी श्रमिक का शोषण न हो, इसके लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
अजय राय ने बताया कि 4 जुलाई को संघ का एक प्रतिनिधिमंडल निगम के वरिष्ठ अधिकारियों से मिलकर कोर्ट के आदेश के अनुपालन के लिए ज्ञापन सौंपेगा। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि संबंधित विभाग या एजेंसियां इस आदेश के प्रति लापरवाही बरतती हैं, तो संघ राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करने को बाध्य होगा।
यह फैसला न केवल आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए एक बड़ी जीत है, बल्कि श्रमिक अधिकारों की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम भी साबित होगा।






