झारखंड के दुमका में मिनी गोवा पर दर्दनाक हादसा: मयूराक्षी नदी में नहाने गए चार छात्र डूबे…शव बरामद
झारखंड के दुमका में मिनी गोवा पर दर्दनाक हादसा: मयूराक्षी नदी में नहाने गए चार छात्र डूबे… शव बरामद…
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!दुमका, 29 अगस्त झारखंड की उपराजधानी दुमका जिले में एक बार फिर मयूराक्षी नदी ने चार किशोर छात्रों को अपनी चपेट में ले लिया। गुरुवार दोपहर को नदी किनारे मस्ती करने और नहाने गए इन छात्रों का शव पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से बरामद कर लिया है, घटना जामा थाना क्षेत्र के हरिपुर गांव (या बापुपुर तट) के समीप हुई, जहां नदी पर बना बांध पर्यटकों के बीच “मिनी गोवा” के नाम से मशहूर है। लगातार बारिश से नदी का जलस्तर बढ़ा हुआ है, जिससे खोजी अभियान में कठिनाइयां हो रही हैं।
घटना का पूरा विवरण
जानकारी के मुताबिक गुरुवार दोपहर करीब 3:30 बजे दुमका शहर के बक्शी बांध इलाके के चार दोस्त नदी किनारे पहुंचे थे। ये सभी जिला स्कूल के 11वीं या 12वीं कक्षा के छात्र बताए जा रहे हैं। मस्ती-मजाक के दौरान वे बांध के गहरे पानी में उतर गए, लेकिन शाम 7 बजे तक घर न लौटने पर परिजनों ने चिंता जताई। रात होते-होते स्थानीय ग्रामीणों को नदी किनारे छात्रों के कपड़े, चप्पल और चार मोबाइल फोन मिले, जिससे अनहोनी की आशंका हुई। ग्रामीणों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी।

परिजनों और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। शुक्रवार सुबह गोताखोरों की मदद से खोजबीन शुरू हुई, जिसमें 17 वर्षीय कृष्ण सिंह , आर्यन कुमार, कृष और आर्यन शामिल हैं। चारों छात्रों का शव पुलिस ने बरामद कर लिया दुमका के एसपी पीतांबर सिंह खेरवार ने बताया कि नदी का पानी लगभग 20 फीट गहरा है और तेज बहाव के कारण सर्च ऑपरेशन प्रभावित हुआ, अतिरिक्त गोताखोरों की टीम बुलाई गई तब जाकर बॉडी बरामद हुई।

परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। कृष्ण सिंह के पिता ने बताया कि बेटा दोस्तों के साथ मिनी गोवा घूमने गया था, लेकिन रात तक न लौटने पर वे घबरा गए। एक अन्य परिजन कलानंद ठाकुर ने कहा कि उनके बेटे आर्यन के कपड़े और चप्पल नदी किनारे मिले हैं, उसी वक्त से मन टूट गया। । घटनास्थल पर बड़ी संख्या में ग्रामीण एकत्र हो गए हैं,
मिनी गोवा: सुंदरता के साथ छिपा खतरा
मयूराक्षी नदी पर झारखंड सरकार द्वारा बनाए गए इस बांध वाले इलाके को स्थानीय लोग “मिनी गोवा” कहते हैं, क्योंकि यहां साल भर पानी लबालब रहता है और प्रकृति की खूबसूरती पर्यटकों को आकर्षित करती है। शहर के लोग पिकनिक और सैर-सपाटे के लिए भारी संख्या में यहां पहुंचते हैं। लेकिन यह जगह उतनी ही खतरनाक भी है। गहरा पानी, तेज बहाव और बिना किसी चेतावनी के कारण थोड़ी सी लापरवाही जानलेवा साबित हो जाती है।

इससे पूर्व भी इसी स्थान पर कई हादसे हो चुके हैं। वर्ष 2016 में यहां स्नान करने गए छह छात्र डूब गए थे, जिनमें से पांच के शव बरामद हुए, लेकिन एक का शव आज तक नहीं मिला। झारखंड में इस मानसून सीजन में नदियों, तालाबों और जलाशयों में डूबने से 40 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें ज्यादातर युवा और छात्र शामिल हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि पूर्व की घटनाओं से सबक न लेने के कारण ऐसी त्रासदियां दोहराई जा रही हैं।
प्रशासन की प्रतिक्रिया और सलाह
पुलिस ने घटनास्थल से छात्रों के सामान जब्त कर लिया है और पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। जिला प्रशासन ने पर्यटकों के लिए चेतावनी जारी की है कि बिना सुरक्षा उपायों के नदियों या बांधों में नहाने से बचें। स्थानीय लोगों ने मिनी गोवा पर चेतावनी बोर्ड लगाने और लाइफ गार्ड तैनात करने की मांग की है।





