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जैक के इंटर रिजल्ट पर को-ऑपरेटिव कॉलेज के बच्चों का हंगामा, 11वीं में थे पास 12वीं में हुए फेल

शुक्रवार को जारी हुए जैक 12वीं के रिजल्ट ने जमशेदपुर के को-ऑपरेटिव कॉलेज के करीब 180 बच्चों का भविष्य दांव पर लगा दिया है. इन बच्चों का 11वीं की परीक्षा में अच्छे नंबर आने के बावजूद ये 12वीं में फेल कर दिए गए. बिना रिजल्ट के पूर्व परीक्षा परिणामों और इंटरनल एसेसमेंट के जरिए आए इस रिजल्ट में इन बच्चों ने भारी गड़बड़ी की आशंका जताते हुए पहले कॉलेज परिसर में हंगामा किया और फिर उसके बाद अपनी मांगों को लेकर जमशेदपुर डीसी ऑफिस पहुंचे

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11वीं में पास फिर क्यों हुए 12वीं में फेल?
कोविड-19 के कारण परीक्षा का आयोजन नहीं कर पाने के कारण राज्य सरकार के निर्देशानुसार 10वीं तथा 12वीं के विद्यार्थियों को उनके पूर्व प्राप्त किए गए अंको के आधार पर नंबर देने थे, परंतु को-ऑपरेटिव कॉलेज के इन छात्रों का कहना है कि 11वीं में अच्छे अंक आने के बावजूद उन्हें किस आधार पर फेल किया गया है यह उनकी समझ से बाहर है. वहीं, कुछ विद्यार्थियों का यह भी आरोप है कि प्रैक्टिकल परीक्षा में शामिल होने के बावजूद उन्हें अनुपस्थित मार्क किया गया है.

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किस आधार पर जैक ने रिजल्ट दिया, समझ से परे : कॉलेज प्रबंधन
पूरे मामलें के संबंध में हिस्ट्री डिपार्टमेंट के प्रोफेसर राजू दूबे यह कहते हैं कि हमें जैक की तरफ से विद्यार्थियों के नॉन प्रैक्टिकल सब्जेक्ट में उनके व्यवहार और अन्य गतिविधियों के आधार पर 20 अंक देने को कहा गया था, जो हमने दिया. परन्तु यह मेरी समझ से परे है कि जिस परीक्षा में विद्यार्थी कभी शामिल ही नहीं हुए, उस परीक्षा में उन्हें फेल कैसे कर दिया गया है. जितने भी विद्यार्थी फेल किए गए हैं सभी ने 11वीं में अच्छे अंक प्राप्त किए थे. उन अंको के आधार पर विद्यार्थियों को 12वीं में फेल करना उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ है. इस संबंध में हम लगातार जैक से वार्ता कर रहें है क्योंकि यह विद्यार्थियों के भविष्य का सवाल है.

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