नक्सलियों के चंगुल से आजाद हुई दो बेटियां दो वर्षों से नक्सलियों के लिए कर रही थी काम.
गढ़वा : गढ़वा में सीआरपीएफ 172 बटालियन एवं गढ़वा पुलिस के संयुक्त प्रयास से भाकपा माओवादी से जुड़ी दो युवतियों को मुख्यधारा में लौटाया गया है ये दोनों बूढ़ा पहाड़ में 25 लाख की इनामी भाकपा माओवादी विमल के दस्ते की सदस्य थी। नक्सली इन दोनों युवतियों को प्रलोभन देकर संगठन में शामिल कराया था। लेकिन दोनों युवतियों को संगठन में शामिल होते ही माओवादियों के असलियत पता चलने लगा। उसके बाद युवतियों ने संगठन के छुटकारा पाना चाहा उसके बाद सीआरपीएफ कमांडेंट और गढ़वा पुलिस अधीक्षक ने रणनीति के तहत नक्ससलियो के चुंगल से दोनों युवतियो को निकाला।
जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र भंडरिया थाना क्षेत्र में सक्रिय प्रतिबंधित नक्सली संगठन माओवादी से जुड़ी 2 युवतियों ने भंडरिया थाना परिसर में एक कार्यक्रम के माध्यम से दोनों ने पुलिस और सीआरपीएफ पदाधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण किया , उन्होंने समाज की मुख्यधारा में जुड़ने का निर्णय लिया । पुलिस ने दोनों को सम्मानित किया और उन्हें जरूरत का समान उपलब्ध कराया।
गौरतलब है कि दोनों युवतियां माओवादी संगठन में सक्रिय भूमिका निभा चुकी हैं. प्रलोभन देकर संगठन में शामिल करायी गयी युवतियों को माओवादी संगठन की असलियत पता चलने लगी थी. हालांकि वो वहां से निकल नहीं पा रही थीं. नक्सली उन्हें धमकी देकर संगठन के साथ रहने का दबाव बना रहे थे. इसकी जानकारी क्षेत्र में कार्यरत सीआरपीएफ 172 को मिली. सीआरपीएफ और गढ़वा पुलिस के प्रयास से दोनों लड़कियों को वहां से बाहर निकाल मुख्यधारा में लाया गया लड़कियों को पढ़ाई और रोजगार के लिए कॉपी-किताब और सिलाई मशीन दिया गया।
वहीं, उनके परिजनों को गैस चूल्हा और कपड़े दिए गए. एसपी श्रीकांत एस खोटरे ने कहा कि सरकार की नई पहल प्रयास पुनर्वास योजना के तहत समाज की मुख्यधारा से जुड़ी दोनों लड़कियों को सहायता प्रदान किया जाएगा. पढ़ाई-लिखाई से लेकर उनकी रोजगार की व्यवस्था सरकार देगी. उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी अब पुलिस की है. एसपी ने भटके युवकों को भी समाज की मुख्यधारा में वापस लौटने की अपील की. वही सीआरपीएफ 172 बटालियन के कमांडेंट आशीष कुमार झा ने कहा कि माओवादी संगठन से वापस लौटी लड़कियां राष्ट्र निर्माण में सहायक सिद्ध होंगी। इस कार्यक्रम में-श्रीकांत एस राव खोत्रे,एसपी गढ़वा/आशीष झा,कमांडेंट 172 बटालियन, गढ़वा सहित बहुत से लोग मौजूद थे।
गढ़वा, वी के पांडे