जंगली हाथियों त्रस्त ग्रामीणों ने वनरक्षक अध्यक्ष पर लगाया मनमानी का आरोप.
सिमडेगा, शम्भू कुमार सिंह/संजय.
सिमडेगा : बोलबा प्रखंड के अधिकांश गांवों में हाथियों का तांडव पिछले एक माह से जारी हैं. हाथियों के डर से किसान जैसे तैसे खेतों में बची हुई पकी-अधपकी फसल को नष्ट किए जाने के डर से काट कर घर लाने में लगे हैं. वन विभाग की ओर से प्रखंड के हर गांव में वन समिति का गठन कर हाथियों को भगाने के लिए आवश्यक सामग्री मुहैया कराई जा रही है. इसी बीच प्रखंड के घरसा टंगरा टोली गांव के वृद्ध समनाथ कालो ने गांव के ही वन समिति अध्यक्ष अजर मांझी पर वन विभाग के जरिये प्राप्त राशि का दूरूपयोग करते हुए अपने घर के चारों ओर हाई पावर लाईट लगाने का आरोप लगाया है, उन्होंने कहा हमारा पूरा गांव जंगल से सटा हुआ है और पूरा क्षेत्र जंगली हाथी प्रभावित क्षेत्र है, लेकिन वन विभाग की सहायता राशि की बदौलत अध्यक्ष के घर के चारों ओर रौशनी जगमगाती रहती है, बाकी पूरा गांव अंधेरे में डूबा रहता है. कई बार अध्यक्ष एवं पंचायत के मुखिया को लिखित आवेदन देकर कहे जाने के बाद भी अब तक वन विभाग की ओर से किसी प्रकार का कोई सहायता नहीं मिला है.
कालो ने कहां की जंगली हाथी के कारण पूरे परिवार पर जान का खतरा बना रहता है. बुजुर्ग कालो ने वन विभाग से जंगली हाथी से बचाव हेतु कुछ आवश्यक राहत सामग्री की मांग की है. वहीं दूसरी ओर गांव के धनेश्वर यादव तथा नुवादेवी के लगभग एक- एक एकड़ खेत में लगे फसल को बीते शुक्रवार की रात्री को करीब 19 की संख्या में आए जंगली हाथियों ने नष्ट कर डाला.
गांव के कई ग्रामीणों ने बताया कि पिछले साल भी हमारे खेतों में लगे धान की फसल को जंगली हाथियों के द्वारा नष्ट किया गया था, लेकिन आवेदन के बावजूद वन विभाग की ओर से अब तक हमलोगों की क्षतिपुर्ति की राशि नहीं मिली है. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि वन समिति के लोग अपने जान पहचान वाले लोगों को ही वन विभाग से मिलने वाले सुविधाओं का लाभ दिला रहे हैं. इस संदर्भ में वन क्षेत्र पदाधिकारी शम्भू शरण चौधरी से सम्पर्क किया गया तो उन्होनें तुरन्त फोन पर बात कर वनकर्मी को उक्त गांव में भेजने तथा जंगली हाथी को भगाने के लिए उपयोगी कुछ सामग्री की भी व्यवस्था करवाने की बात कही है.